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बिल्डरों और रियल एस्टेट कारोबारियोें पर होगी कार्रवाई

-आवासीय योजना के बिल्डरों, रियल एस्टेट कारोबारियों ने निर्मल आय वर्ग के लिए आवास नहीं बनाए हैं। प्रावधानों को किनारा कर आवासीय योजनाओं का निर्माण कराने का मामला सामने आने के बाद अब ऐसे बिल्डरों, रियल एस्टेट कारोबारियों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।

एमडीडीए सीमा क्षेत्र में निर्मित और निर्माणाधीन आवासीय योजनाओं में 15 फीसदी आवास निर्मल आय वर्ग के लोगों के लिए न बनाने वाले बिल्डरों, रियल एस्टेट कारोबारियोें पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो रही है। शहरी विकास विभाग के निर्देश पर एमडीडीए ने ऐसे निर्मित व निर्माणाधीन आवासीय योजनाओं की जांच कर रही है, जिसमें प्रावधानों के तहत 15 फीसदी आवास निर्बल वर्ग के लोगों के लिए नहीं बनाए गए हैं।

एमडीडीए का कहना है कि जिस आवासीय योजना के बिल्डरों, रियल एस्टेट कारोबारियों ने आवास आय वर्ग के लिए आवास नहीं बनाए हैं, उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। विकास प्राधिकरणों की सीमा क्षेत्र में निर्मित वा निर्माणाधीन आवासीय योजनाओं में 15 फीसदी आवास निर्मल आय वर्ग के लोगों के लिए बनाने का प्रावधान है। लेकिन, तमाम ऐसे रियल एस्टेट कारोबारी, बिल्डर्स हैं, जो इन प्रावधानों को किनारा कर आवासीय योजनाओं का निर्माण कर रहे हैं।

ऐसी आवासीय योजनाएं है, जिनमें निर्मल आय वर्ग के लोगों के लिए आवासों का निर्माण नहीं किया गया। एमडीडीए का कहना है कि जिस भी आवासीय योजना में 15 फीसदी आवास निर्मला वर्ग के लोगों के लिए नहीं बनाए गए, उसका निर्धारित शुल्क एमडीडीए में जमा कराना होता है ताकि एमडीडीए आवासीय योजनाओं का निर्माण कर सकें।

फिलहाल आवासीय योजनाओं को चिह्नित किया जा रहा, जहां प्रावधानों के तहत 15 फीसदी आवास निर्माण आय वर्ग के लोगों के लिए नहीं बनाए गए हैं।

संजीवन सूठा, सिस्टम प्रशासक एमडीडीए

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