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मेडीकल छात्र स्थायी समाधान पर अड़े, आन्दोलन जारी

(नीरू सिंघल द्वारा)
देहरादून। उत्तराखण्ड के निजी मेडीकल कालेजों में कई गुना फीस वृद्धि के मामले में आन्दोलनरत छात्र-छात्रायें मामले के स्थायी समाधान पर अड़ गये हैं, वृद्धि वापसी के आश्वासन को नाकाफी बताते हुए आन्दोलन को जारी रखने का ऐलान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने की फीस वृद्धि वापसी की घोषणा
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत द्वारा पिछले दिनों मेडीकल कालेजों की फीस वृद्धि के समर्थन में दिये बयान पर सर्वत्र तीखी प्रतिक्रिया होने पर आज वह डैमेज कन्ट्रोल करते दिखाई दिये। मुख्यमंत्री आवास पर मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए वे बोले कि निजी मेडीकल संस्थानों में हुई वार्ता के बाद उनके द्वारा फीस वृद्धि का निर्णय वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी को भी मनमानी नहीं करने दी जायेगी। ज्ञातव्य है कि मेडीकल कालेजों की भारी फीस वृद्धि को सही ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कालेज की अवस्थापना में पांच-सात सौ करोड़ रूपया खर्च होता है।

मेडीकल छात्रों ने लिखा खुला ख़त
मुख्यमंत्री को लिखे खुले ख़त में श्री गुरू राम राय इंस्टीट्यूट के मेडीकल छात्रों ने खुले ख़त में अपने मन की बात लिखी है। उन्होंने कहा है कि वह अत्यन्त मध्यम वर्गीय परिवारों से है। मुख्यमंत्री द्वारा निवेशकों को हतोत्साहित न करने की बात कहते हुए फीस वृद्धि को जायज़ ठहराया था। उन्होंने सवाल किया कि ‘‘क्या हम विद्यार्थी निवेश का साधन हैं?’’ उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ-साथ प्रधानमंत्री से भी सवाल किया कि क्या एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति 20 लाख रूपये प्रति वर्ष एक बच्चे के अध्ययन के लिये दे सकता है। उन्होंने पत्र में स्पष्ट किया है कि जो शुल्क प्रवेश लेने से पहले निर्धारित था, हम उससे एक रूपया भी अतिरिक्त नहीं देंगे।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर उठाये सवाल
विद्यार्थियों का कहना है कि प्रधानमंत्री जी कहते हैं ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’। आज आपके देश की बेटियां सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। आपकी सरकार का यह कारनामा किस प्रकार बेटी बचा रहा है और किस प्रकार बेटी को पढ़ा रहा है।

आत्महत्या तक के विचार आ रहे हैं
उन्होंने पत्र में लिखा है ‘‘क्या हमारे अच्छे दिन हैं’’ कि हमें अपने कैरियर को बर्बाद होते देखना पड़ रहा है। हताशा-निराशा में आत्महत्या करने जैसे विचार हमारे मन में आ रहे हैं।


कई राज्यों की स्टूडेन्ट यूनियनों ने दिया समर्थन
श्री गुरू राम राय इंस्टीट्यूट के आन्दोलनरत छात्रों के समर्थन में इण्डियन मेडिकल एसोसियेशन (स्टूडेन्ट विंग) की उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व केरल की यूनियनों ने पत्र लिख कर आन्दोलन को पूर्णतया समर्थन देने की घोषणा की है।

हिमालयन व सुभारती हैं खामोश
राज्य में तीन निजी मेडीकल कालेज हैं, जिनमें से हिमालयन मेडीकल कालेज, जौलीग्रान्ट एवं सुभारती मेडीकल कालेज के प्रबन्धतंत्र ने फीस वृद्धि पर खामोशी ओढ़ रखी है। केवल गुरू राम राय ने जल्दबाज़ी करते हुए दो माह में बढ़ी फीस का नोटिस जारी कर दिया जिससे मामला बिगड़ गया।

स्थायी समाधान तक जारी रहेगा आन्दोलन
मेडीकल के छात्रों ने गुरू राम राय इंस्टीट्यूट के मुख्य द्वार पर धरना दे रखा है। दो दिन बाद इंस्टीट्यूट का स्थापना दिवस का कार्यक्रम प्रस्तावित है। अतः मेडीकल कालेज प्रबन्धन इस धरने को खत्म कराना चाहता है परन्तु छात्र-छात्राओं का साफ कहना है कि फीस मामले का स्थायी समाधान हो ताकि चन्द दिनों बाद दोबारा आन्दोलन की नौबत न आये।

रविवार को हो सकता है बड़ा प्रदर्शन
आन्दोलनरत छात्र-छात्राओं की बात पर यकीन करें तो उनका आन्दोलन न केवल जारी रहेगा वरन रविवार को अभिभावकों के साथ बड़े प्रदर्शन की योजना है जिनमें रोड मार्च किया जाना भी प्रस्तावित है।

हाईकोर्ट के स्टे का भी डर है सरकार को
चार से पांच गुना फीस वृद्धि पर अभिभावक मंच ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अंतिम लड़ाई का ऐलान कर रखा है। ऐसे में सरकार को यह भी डर सता रहा है कि यदि हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्टे दे दिया तो सरकार की जमकर किरकिरी हो जायेगी।
इतना तय है कि विद्यार्थियों के चार दिनों के आन्दोलन ने इंस्टीट्यूट प्रबन्धन से लेकर सरकार तक के माथे पर बल ला दिये हैं। इस मामले के मीडिया में भी तूल पकड़ने से विद्यार्थियों के साथ इस अन्याय पर रोल बैक करना ही पड़ेगा।

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