भारतीय इतिहास और मूल्य 5 हजार साल पुराने, अपनी जड़ें पहचानें : राम माधव
देहरादून। भारतीय इतिहास और मूल्य 5000 हजार साल पुराने है। यही वह मूल्य हैं, जिनकी बदौलत 130 करोड़ देशवासियों ने कोरोना काल में किसी को भूखा नहीं सोने दिया। विश्व के लिए यह एक उदाहरण है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और इंडिया फाउंडेशन के निदेशक राम माधव ने यह बात यंग थिंकर्स मीट में बतौर मुख्य वक्ता कही। उन्होंने कहा कि आज की जितनी भी मान्यताएं हैं लोकतंत्र आदि, ज्यादा से ज्यादा 400 साल पुरानी है। विश्व के सबसे अग्रणी देश का अमेरिका का इतिहास ही 400 साल पुराना है उसमें भी लोकतंत्र केवल 200 साल से। इसलिए हमें अपनी जड़ों को पहचानने की जरूरत है, खुद को पहचानने की जरूरत है।
राम माधव ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा न केवल राष्ट्र का भविष्य है, अपितु वर्तमान भी हैं उन्हें आत्म सम्मान व आत्मविश्वास के साथ आत्मनिर्भर बनना है तभी 2030 तक हम एक शक्तिशाली आत्मनिर्भर भारत बना पाएंगे। जापान, चीन और इजराइल का उदाहरण देते हुए कहा कि परमाणु बम गिरने के बाद जापान ने खुद को पुनः स्थापित किया। राख के ढेर से दुनिया की तीन बड़ी इकोनामी में खुद को सम्मिलित किया। समय की आवश्यकता अनुसार उन्होंने अपने डिफेंस की जिम्मेदारी उस अमेरिका को सौंपी जिसने उसका विध्वंस किया था। उन्होंने कहा कि 1980 तक हमारी और चीन की जीडीपी बराबर थी, आज हमसे 5 गुना है। वहां तत्कालीन शासकों ने नारा दिया नो डिस्कशन लेट्स डू इट और अगले 20 साल तक केवल और केवल आर्थिक विकास के लिए सुरक्षित किए, इसका नतीजा सबके सामने है। इजराइल ने कोई मॉडल फॉलो न कर कर प्रत्येक क्षेत्र में नए अनुसंधान किए। आज हम डिफेंस, कृषि, जल संचय और अनेक विषयों को सीखने वहां जाते हैं।
रामराज्य मतलब, ग्रामीण भारत, जहां सबका विकास हो
आजादी के बाद के परिदृश्य पर राम माधव ने कहा कि महात्मा गांधी से जब भी भविष्य के भारत के स्वरूप पर प्रश्न होते वह केवल एक शब्द बोलते थे ” रामराज्य”। जिसका मतलब था ग्रामीण भारत और सामान्य व्यक्ति तक विकास। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को प्रोग्रेसिव बताते हुए उन्होंने एक घटना का जिक्र किया कि 1953 में नेहरू लाल बहादुर शास्त्री आईएएस अकादमी मसूरी आए थे। लगभग एक घंटे समाजवाद पर बोला। उनके भाषण के अंत में एक युवा आईएएस अधिकारी ने पूछा कि आपका पिछले 1 घंटे का भाषण शानदार है। लेकिन, इसमें सभी उदाहरण यूरोप के हैं। इसका इंडियन कॉन्टेक्स्ट क्या है, तो नेहरू ने उत्तर दिया कि आपका प्रश्न बहुत अच्छा है, पर अभी मुझे सिर दर्द है इसे भविष्य के लिए सुरक्षित रखते हैं।
उत्तराखंड को कुछ मूलभूत अधिकार मिले
एक प्रश्न के उत्तर में माधव ने कहा कि उत्तराखंड को जम्मू-कश्मीर व हिमाचल की तरह कुछ मूलभूत अधिकार मिलने चाहिए। यह उसका लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन आग्रह किया कि खुद को सीमित मत करिए, क्योंकि उत्तराखंड के लोग आज देश और दुनिया में योग्यता से छाए हुए हैं। जनरल बिपिन रावत, अजीत डोभाल और कई अन्य लोग हैं।
युवाओं के रखे विचार
2 दिन तक चलने वाली वर्चुअल मीट के पहले सत्र को इंडिया फाउंडेशन के निदेशक शौर्य डोभाल, युवा आईएएस मंगेश घिल्डियाल, एम्बेसडर यूनेस्को दीपक रमोला, लेफ्टिनेंट कमांडर इंडियन नेवी पायल गुप्ता ने भी संबोधित किया।
उत्तराखंड के युवाओं को जोड़ने का सार्थक मंच
पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक्शन एवं रिसर्च सोसायटी की अध्यक्ष संयोजक नेहा जोशी ने कहा कि उत्तराखंड यंग थिंकर्स फ़ोरम प्रदेश, देश और विदेश में रहने वाले उत्तराखंडी युवाओं को जोड़ने का सार्थक संवाद का मंच बनेगा।