सेलाकुई में सगन्ध फसल उत्कृष्टता केन्द्र का लोकार्पण, उत्तराखण्ड में मिशन दालचीनी व तिमरू होगा शुरू
सगन्ध पौध केन्द्र को सुदृढ़ करने के लिए एक्ट के माध्यम से संस्थान के रूप में विकसित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सगन्ध पौध केन्द्र सेलाकुई में सगन्ध फसल उत्कृष्टता केन्द्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तराखण्ड की जलवायु दालचीनी व तिमरू के उत्पादन के अनुकूल होने के दृष्टिगत इनका उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन दालचीनी व मिशन तिमरू शुरू किया जायेगा। जिसके माध्यम से पर्वतीय क्षेत्र के किसानों की आय में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे। वहीं, सगन्ध पौध केन्द्र को सुदृढ़ करने के लिए एक्ट के माध्यम से संस्थान के रूप में विकसित किया जायेगा।
धामी ने कहा कि सगंध पौध केन्द्र की ओर से गुणवत्तापूर्ण सगन्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास किये जा रहे हैं।उत्तराखण्ड में पारम्परिक खेती के क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियां हैं। जंगली जानवरों के नुकसान, भौगोलिक परिस्थितियाँ, वर्षा आधारित कृषि के चलते राज्य में पारम्परिक कृषि के प्रति किसानों का रुझान निरन्तर कम हो रहा है। राज्य के कृषि क्षेत्र में आ रही चुनौतियों व एरोमैटिक सेक्टर के बढ़ते बाजार को देखते हुए सगंध खेती व संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यहां पर ‘संगध पौधा केन्द्र की स्थापना की गयी। सगन्ध फसलें कठिन परिस्थितियों में उगने की क्षमता के कारण वर्तमान में एक बेहतरीन नगदी फसल के रूप में स्थापित हो रही हैं। किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय पर पर्याप्त मात्रा में पौध सामग्री उपलब्ध कराने के लिए ही सगन्ध पौध उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए सबको प्रयास करने होंगे। विभागों के अनेक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है ताकि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाया जा सके।
कृषि व कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) सेलाकुई के प्रयासों से जहां काश्तकार सगन्ध खेती के माध्यम से बेहतर आय प्राप्त कर रहे हैं। वहीं, उनमें उद्यमशीलता का भी विकास हो रहा है। सगन्ध फसलों की सफल खेती को देखते हुये राज्य में वृहद रूप से खेती कराने के लिए राज्य में सात एरोमा वैलियां जनपद हरिद्वार में लैमनग्रास व मिन्ट वैली, जनपद- नैनीताल व चम्पावत में सिनामन वैली, जनपद चमोली व जनपद अल्मोडा में डेमस्क गुलाब वैली, जनपद उद्यमसिंह नगर में मिन्ट वैली, जनपद पिथौरागढ में तिमूर वैली व जनपद पौड़ी में लैमनग्रास वैली विकसित की जा रही है। इस उत्कृष्टता केन्द्र का उपयोग नर्सरी उत्पादन के अलावा कृषकों को नर्सरी तैयार करने के प्रशिक्षण के लिए किया जायेगा ताकि नर्सरी भी आय अर्जन कर सके। इस हाईटैक नर्सरी में पर्याप्त मात्रा में दालचीनी, तिमूर, सुरई, डैमस्क गुलाब आदि की पौध तैयार होने से राज्य की बंजर पड़ी कृषि भूमियों में सगन्ध फसलों के बगीचे स्थापित किये जा सकेंगे। राज्य में सगन्ध बगीचों की स्थापना से कृषकों की आर्थिकी में वृद्धि होगी।
इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, मुन्ना सिंह चौहान, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, भाजपा के जिलाध्यक्ष देहरादून ग्रामीण मीता सिंह, निदेशक सगंध पौधा केन्द्र के निदेशक डॉ नृपेन्द्र चौहान, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो दुर्गेश पंत, सगंध पौध केन्द्र से हेमा लोहनी, डॉ. सुनील शाह व काश्तकार मौजूद थे।