मिशन कोशिश के तहत तैयार किया आठ सप्ताह का पाठ्यक्रम
-मिशन कोशिश एवं ब्रिज कोर्स की संकल्पना एवं क्रियान्वयन विषय पर शिक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। मिशन कोशिश एवं ब्रिज कोर्स की संकल्पना एवं क्रियान्वयन विषयक कक्षा 6 से 9 में अध्यापन करने वाले जनपद के शिक्षकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण (हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषयों से संदर्भित) सम्पन्न हुआ।प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी के निर्देशन व डायट प्राचार्य राकेश चंद्र जुगरान के मार्गदर्शन में हुआ।
मिशन कोशिश के तहत पूर्व कक्षा व वर्तमान कक्षा के पाठ्यक्रम को मिलाकर आठ सप्ताह का पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। प्रत्येक बच्चे के लिये कक्षावार, विषयवार, लर्निंग आउटकम्स के आधार पर वर्कशीट तैयार की गई है। बच्चे वर्कशीट को अपने घर पर ही पढ़ेंगे व अभ्यास करेंगे। 6 दिनों तक चले ऑनलाइन प्रशिक्षण में जनपद देहरादून के 1800 से अधिक शिक्षकों ने प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया।
प्राचार्य डाइट राकेश जुगरान ने संबोधन में कोरोना के कारण उत्पन्न हुए शैक्षिक व्यवधान के आलोक में मिशन कोशिश एवं ब्रिज कोर्स कार्यक्रम की संकल्पना, दृष्टि एवं क्रियान्वयन विषय पर विस्तार से बात रखी। उन्होंने सभी शिक्षकों को स्कूल बंद रहने की स्थिति में शिक्षण की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत तकनीकी के उपयोग की महत्ता से अवगत कराते हुए इसके सर्वश्रेष्ठ उपयोग के संबंध में निर्देशित किया। प्राचार्य ने इस संबंध में भारत सरकार एवं राज्य स्तर के प्रयासों को रेखांकित करते हुए उनके बेहतर क्रियान्वयन के लिये शिक्षकों को सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बताया।
एससीईआरटी से हिमानी बिष्ट (अभिमुखीकरण कार्यशाला के अनुश्रवण हेतु नामित जनपद प्रभारी) ने संबोधन में राज्य स्तरीय प्रयासों से अवगत कराते हुए सुझाव दिया कि शिक्षकों को अपने-अपने विद्यालयों की ऑनलाइन/मुक्त शिक्षण व्यवस्था हेतु एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करनी होगी। इसके अंतर्गत प्रत्येक छात्र-छात्रा का विवरण तैयार किया जाना होगा कि कितने बच्चे किस संसाधन के साथ कैसे लाभान्वित किये जा सकते हैं।
उन्होंने यह भी अवगत कराया कि आठ सप्ताह हेतु तैयार लर्निंग आउटकम एवं उन्हें प्राप्त करने हेतु उल्लिखित गतिविधियां सुझावात्मक हैं और उन्हें स्कूल खुल जाने की उम्मीद के दृष्टिगत तैयार किया गया था। लेकिन, वर्तमान स्थितियों को देखते हुए विद्यालय न खुलने की स्थिति में ऑनलाइन शिक्षण के आलोक में शिक्षकों को इनमें आवश्यकतानुरूप स्वयं बदलाव करने होंगे।भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय द्वारा पूर्व में ही डिजिटल शिक्षा को केंद्रित मार्गदर्शिका प्रज्ञाता का प्रस्तुतिकरण करते हुए ऋचा जयाल द्वारा डिजिटल संसाधनों के उपयोग विषयक महत्वपूर्ण जानकारियां शिक्षक साथियों के बीच रखी। यह ऑनलाइन डिजिटल से संबंधित मार्गदर्शिका है। इसमें बच्चों के मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य की रक्षा में ध्यान में रखे जाने वाली विभिन्न सुझावों का विवरण है। शिक्षण के तकनीकी पर आवश्यक दिशा निर्देश, शिक्षण के तरीकों की व्यवस्था, दूरस्थ शिक्षा और तकनीकी द्वारा शैक्षिक संवर्धन करते वक़्त अध्यापक के द्वारा रखी जाने वाली सावधानियां व बच्चों के मार्गदर्शन, जिसमें ऑफलाइन व ऑनलाइन शिक्षण तरीकों की जानकारी सम्मिलित है बताया गया।
पढ़ाये गए पाठ के आधार पर प्रयोगात्मक कार्य बच्चों द्वारा किये गए कार्य का अवलोकन के तरीके भी बताए गए साथ ही बच्चों की समस्या उनके निदान किये जा रहे प्रयास बताए गए। बच्चों को प्रोत्साहन किस प्रकार दिया जाय भी बताया गया। विषयों से सम्बंधित लर्निंग आउटकम के आधार पर वर्कशीट निर्माण भी बताया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता सुरेंद्र दत्त डंगवाल व ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्य अरुण थपलियाल द्वारा किया गया। प्रवक्ता संजय भट्ट द्वारा गूगल फार्म पर जानकारी दी गई व नामांकन, फीडबैक कार्यो को सम्पन्न किया गया।
प्रतिदिन आनंदम के तहत माइंड फुलनेस गतिविधि प्रियंका तोमर व सुनीता बडोनी द्वारा कराया गया। विषय नोडल में प्रवक्ता दीपिका पंवार गणित में, प्रवक्ता अनिल डोभाल विज्ञान में, प्रवक्ता सुनीता बडोनी अंग्रेजी में, प्रवक्ता प्रियंका तोमर सामाजिक विज्ञान में, प्रवक्ता डॉ सुरेश चंद्र पोखरियाल द्वारा हिंदी विषय में बताया गया। वरिष्ठ प्रवक्ता कुसुम नौटियाल द्वारा मिशन कोशिश की अवधारणा, किये गए कार्य व उचित कार्ययोजना पर विस्तार से प्रतिदिन शिक्षकों को बताया गया।
इस अवसर पर डायट से वरिष्ठ प्रवक्ता कुसुम नौटियाल, वरिष्ठ प्रवक्ता पुष्पा गुसाईं, प्रवक्ता सुनीता बडोनी, प्रवक्ता ऋतु कुकरेती, प्रवक्ता सुरेश चंद्र पोखरियाल, प्रवक्ता अनिल डोभाल, प्रवक्ता सुनीता अधिकारी, हितेश गुप्ता, शशि पोखरियाल व अरुण थपलियाल आदि सम्मिलित रहे।