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मोदी की सौगात… काशी से यूपी मिशन का आगाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 1500 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का सौगात दिया है। काशी को यह सौगात अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर पूर्वांचल को साधने के लिए है।

उत्तर प्रदेश में चुनाव अगले साल की शुरूआत में होना है लेकिन, एक तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र काशी से यूपी मिशन का आगाज कर दिया है। साथ ही संदेश भी दे दिया है कि पूर्वांचल और काशी का विकास केवल भाजपा ही कर सकती है। इसलिए आठ महीने बाद हुई उनके आज की दौरे की काफी अहमियत है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करके यह साफ कर दिया कि भाजपा अगला चुनाव योगी के नेतृत्व में ही लड़ेगी।

स्थिति और संगठन को मजबूत भाजपा करना का लक्ष्य 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि इन योजनाओं से काशी और पूर्वांचल के लोगों की जिंदगी और ज्यादा आसान हो सकेगी.  जाहिर है काशी को मिली 1500 करोड़ की परियोजनाओं का असर क्षेत्र के विकास पर पड़ेगा और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। माना जा रहा है कि इससे भाजपा को 2022 के विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। भाजपा का लक्ष्य इन विकास परियोजनाओं को भुनाकर आने वाले चुनावों में पूर्वांचल में अपनी स्थिति और संगठन को मजबूत करना है।

पूर्वांचल से होकर गुजरता है यूपी की सत्ता का रास्ता

राजनीति के जानकार बताते हैं कि यह सच कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से हो कर जाता है लेकिन, उससे भी महत्वपूर्ण बात है कि यूपी की सत्ता का रास्ता पूर्वांचल से होकर गुजरता है। जिसने पूर्वांचल में अधिक सीटें हासिल कर ली सत्ता उसे मिल गई। इसलिए भाजपा पूर्वांचल में अपनी पकड़ और बढ़त बनाए रखना चाहती है। 2017 में भाजपा सत्ता में तो आई लेकिन पूर्वांचल की 10 सीटों पर उसकी स्थिति कमजोर बनी रही। जहां अपनी जमीनी हालत दुरस्त करने पर पीएम मोदी और सीएम योगी का मुख्य फोकस रहा है।

2017 में कई जिलों में सपा से पिछड़ गई थी भाजपा 

2017 विधानसभा चुनाव- 28 जिलों की कुल 164 सीट में भाजपा को 115 सीटें लेकर रिकॉर्ड बनाया, लेकिन कई जिलों में पार्टी सपा से पीछे रह गई थी।
वहीं अभी हाल में ही हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पूर्वांचल की 8 में से सिर्फ 4 सीट बीजेपी जीत पाई है। यहां दो सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती है। उत्तर प्रदेश की 33 फीसदी सीटें पूर्वांचल से ही आती है। 2022 के चुनाव को ध्यान में रखकर सभी विपक्षी पार्टियां खासतौर पर पूर्वांचल पर निगाहें लगाए हुई है क्योंकि माना जाता है कि पूर्वांचल की जनता कभी एक पार्टी के साथ नहीं रहती। भागीदारी मोर्चा के ओमप्रकाश राजभर भी ओबीसी और अति पिछड़ी जातियों को देखकर यहीं अपनी गोलबंदी कर रहे हैं।
हालांकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में भी यूपी को पीएम मोदी की तरफ से विशेष वरीयता दी गई है और मोदी कैबिनेट में अभी चार मंत्री पूर्वांचल से है। फेरबदल में न सिर्फ जातीय गणित को साधने की कोशिश की गई है बल्कि सहयोगी पार्टियों को भी मनाने के प्रयास दिखे हैं. लिहाजा यह माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह यहां सौगातों की झड़ी लगाई है उससे भाजपा को यहां नई ऊर्जा मिलेगी और पार्टी मजबूत बनेगी।

मोदी के सांसद बनने के बाद बदल गई काशी

यूपी के पूर्वांचल को हमेशा बीमारू क्षेत्र के रुप में जाना गया। यहां विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ था। लेकिन, मोदी के काशी के सांसद बनने के बाद से वाराणसी और गोरखपुर के  साथ-देवरिया, संतकबीर नगर, बस्ती, गाजीपुर, बलिया,प्रतापगढ़, समेत 28 जिलों के विकास पर खास ध्यान दिया गया है। दूसरी तरफ, काशी को लेकर भाजपा नेताओं का दावा है कि पीएम के काशी से सांसद बनने के बाद मानो विकास ने यहां रफ्तार पकड़ ली और शहर की सूरत ही बदल गई है। स्मार्टसिटी की तर्ज पर विकास का काम जारी है। तंग गलियों की जगह अब चौड़ी गलियों और सड़कों का कायाकल्प हो गया है। घाटों की स्थिति भी दुरस्त की गई है। लोग यहां सीवेज और पीने की पानी की समस्या से दुखी थे, पीएम के यहां से चुने के बाद इस समस्या की ओर भी गंभीरता से ध्यान दिया गया। यहां से सांसद बनने के बाद प्रधानमंत्री ने सात साल में 27 दौरा किया है।

क्या-क्या बन गया काशी में?

काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा घाट कॉरिडोर, रिंग रोड एयरपोर्ट रोड, गंगा पर वाटर-वे टर्मिनल, वैदिक साइंस सेंटर, घरों तक पाइपलाईन गैस, बीएचयू के आईएमस को एम्स का दर्जा

 

 

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