मसूरी पालिका बनी घोटालों का अड्डा, पार्षदों की मांग पर कार्रवाई
-आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता (state spokmen) नवीन पिरशाली (Navin pirshsli) ने कहा कि नगर पालिका के 8 पार्षदों ने संयुक्त प्रेसवार्ता (joint press conference) कर पालिका अध्यक्ष पर अनियमताओं के आरोप लगाये हैं, यह गंभीर मामला है, इसकी जांच हो
देहरादून (dehradun)। आम आदमी पार्टी (aam admi party) ने मसूरी नगर पालिका (Mussoorie nagar palika) अध्यक्ष (president) के खिलाफ पार्षदों के लगाए भ्रष्ट्राचार के आरोपों की जांच की मांग की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता (state spokmen) नवीन पिरशाली (Navin pirshsli) ने कहा कि नगर पालिका के 8 पार्षदों ने संयुक्त प्रेसवार्ता (joint press conference) कर पालिका अध्यक्ष पर अनियमताओं के आरोप लगाये हैं, यह गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा कि 16 बिंदुओं का शिकायती पत्र मुख्यमंत्री, कमिश्नर और DM देहरादून को दिया गया है, जिसमें उनके वित्तीय अधिकार छीनकर उन्हें बर्खास्त (dismiss) करने की मांग की है। पार्टी इस गंभीर मामला मानती है और इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में पालिका अध्यक्ष को पद पर रहने का अधिकार नही है उन्हें खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिये।
पालिका अध्यक्ष ने बिना आदेश के मौखिक ही कराए कई काम
उन्होंने कहा कि पालिका अध्यक्ष ने 2 साल के कार्यकाल में कई बार पालिका बोर्ड की सहमति या सूचना के बिना कई काम मौखिक आदेश पर कराये जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की हत्या है। जब 2010 में जब लीज पर रोक लग गयी थी तो अब लीज क्यों दी जा रही है। मैसनिक लॉज में पार्किंग के नाम पर 70 आवास बनाये जाने की बात की जा रही है। MDDA ने उसमें चालान किया था तो MDDA क्यों उसमे कार्रवाई नहीं कर रहा है।
माल रोड का इको बैरियर भ्रष्ट्राचार की जड़
उन्होंने कहा कि माल रोड का इको बैरियर भ्रष्टाचार की जड़ है, पालिका अध्यक्ष ने बड़ी चालाकी से पालिका बोर्ड को बाईपास कर शहरी विकास मंत्रालय से इसकी स्वीकृति ले ली, यह बैरियर कंप्यूटरीकृत होना चाहिए। झड़ीपानी में भी मनमानी के काफी मामले सामने आये हैं। अब पालिका अध्यक्ष फ़ाइलों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। जल्दबाज़ी में चेक़ बना रहे हैं ताकि सबका भुगतान हो जाय।
सार्वजनिक हो जांच रिपोर्ट
आम आदमी पार्टी मांग करती है शासन-प्रशासन मामले में संज्ञान लेकर प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच करे। पालिका अध्यक्ष की वित्तीय पावर तुरन्त छीनी जाय। एसडीएम ने इन मामलों की पहले भी जांच की थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी, वह सभी सार्वजनिक होनी चाहिए।