हम पैदा कर रहे उद्दंड पीढ़ी, बच्चों में संस्कार नहीं तो दोष मां का : सरोजिनी प्रीतम
-नई पीढ़ी समाचार पत्र/पत्रिका व राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन लेडीज विंग (वाजाल) दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में ‘नई पीढ़ी के नव निर्माण में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर आयोजित किया गया ऑनलाइन पर परिचर्चा कार्यक्रम
शब्द रथ न्यूज (shabd rath news)। यह स्त्री के हाथ में ही है कि वह चाहे तो किसी को बसंत बना दे या फिर संत बना दे। महिलाएं स्वस्थ दृष्टिकोण अपनाएं, क्योंकि हम लोग समाज में एक उद्दंड पीढ़ी पैदा कर रहे हैं। यह बात प्रख्यात रचनाकार सरोजिनी प्रीतम (writer sarojni Pritam) ने नई पीढ़ी समाचार पत्र/पत्रिका (nai peedhi news/ pepar magazine) व राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन लेडीज विंग (वाजाल) (writer and journalist association ladies wing) दिल्ली की ओर से आयोजित ऑनलाइन परिचर्चा में कही। उन्होंने कहा कि मां ने यदि अपने बच्चों को संस्कार नहीं दिए तो निश्चित रूप से दोष माँ का है! सपने देखना अच्छी बात है। लेकिन, नई पीढ़ी के नवनिर्माण के सपने देखना जरूरी है। सरोजनी प्रीतम ने कहा कि ऑनलाइन गोष्ठी में सभी के सुलझे हुए विचार सुनने को मिले। सारिका बाहेती और पल्लवी के विचार जड़े हुए हीरे की तरह हैं। परिचर्चा में प्रतिभाग कर बहुत खुशी हुई।
नई पीढ़ी समाचार पत्र/पत्रिका व राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन लेडीज विंग (वाजाल) दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में ‘नई पीढ़ी के नव निर्माण में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर ऑनलाइन पर परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में वाजाल दिल्ली की अध्यक्ष अर्चना शौसिल्या ने अतिथियों का स्वागत किया। वाजाल महासचिव दिल्ली टीना जिंदल ने अतिथियों का परिचय दिया।
दिल्ली से शुरू हुई परिचर्चा जाएगी दूर तलक
नई पीढ़ी के संपादक शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी ने विचार गोष्ठी की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गोष्ठी का जो विषय है वह बहुत ही गंभीर है। इस परिचर्चा को हम यहीं छोड़ने वाले नहीं हैं। दिल्ली से चली यह परिचर्चा दूर तलक जाएगी।
नई पीढ़ी के नवनिर्माण में महिलाओं की बड़ी भूमिका
कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में बोलते हुए Vectus इंडस्ट्रीज लिमिटेड सारिका बाहेती ने कहा कि नई पीढ़ी के नवनिर्माण में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका है। एक मां के रूप में यदि हम बचपन से ही अपने बच्चों का सही पालन पोषण करें तो निश्चित रूप से समाज को एक बेहतर नई पीढ़ी मिलेगी।
फिल्म निर्मात्री डॉ पल्लवी प्रकाश ने कहा कि औरत होना ही अपने आप में एक त्यौहार है। मां बच्चे की सर्वप्रथम गुरु है। एक स्त्री को अपनी शक्ति पहचानना होगा और आपके अंदर जो बेस्ट है उसे नई जनरेशन को देना होगा।
महिलाओं को खुली आंखों से देखने चाहिए सपने
समाजसेवी नम्रता नारायण ने कहा कि महिलाओं को सपने देखना चाहिए, और खुली आंखों से देखना चाहिए। लघु उद्यमी सरिता द्विवेदी ने कहा कि नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए अभिभावकों को भी बदलना होगा।
महिलाएं राष्ट्र की नींव
राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन वाजा इंडिया दिल्ली के अध्यक्ष व राज्यसभा टीवी के वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि महिलाएं राष्ट्र की नींव हैं। वह खुद को जलाकर रोशनी पैदा करती हैं। नया भारत बेहद मजबूत होगा क्योंकि अब सवाल पूछने वाली पीढ़ी आ रही है। कार्यक्रम का विश्लेषण करते हुए पूर्व आईएएस अधिकारी व देश के प्रतिष्ठित स्तंभकार आर विक्रम सिंह ने कहा कि परिचर्चा में शामिल सभी महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में उद्यम कर सफलता अर्जित की है। सभी ने एक से बढ़कर एक विचार रखें हैं। सभी के विचार निश्चित रूप से मंथन व चिंतन योग्य हैं। कार्यक्रम का संचालन राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन लेडीज विंग दिल्ली की अध्यक्ष अर्चना शौसिल्या ने किया।