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आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे डीपी यादव को नैनीताल हाईकोर्ट ने दी राहत

– नैनीताल हाईकोर्ट ने मेडिकल चेकअप के लिए पूर्व में दी गई शॉर्ट टर्म बेल की अवधि दो महीने और बढ़ा दी

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता व पूर्व सांसद डीपी यादव सहित तीन अन्य के खिलाफ विधायक महेंद्र भाटी की हत्या के मामले में सुनवाई की। सुनवाई बाद कोर्ट ने डीपी यादव को मेडिकल चेकअप के लिए पूर्व में दी गई शॉर्ट टर्म बेल की अवधि दो महीने और बढ़ा दी है। गौरतलब है कि कोर्ट ने 20 अप्रैल को दो महीने की अंतरिम जमानत दी थी, जिसकी अवधि 20 जून को समाप्त हो गई थी। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।

आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है डीपी यादव

गौरतलब है कि 13 सितंबर 1992 को गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या हो गई थी, जिसमें डीपी यादव, परनीत भाटी, करन यादव व पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाला आरोपी थे। मामले में 15 फरवरी 2015 को देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने चारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सीबीआई कोर्ट के इस आदेश को चारों अभियुक्तों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अपील करने वाले डीपी यादव की ओर से शॉर्ट टर्म बेल की अवधि बढ़ाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिस पर कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत की अवधि को दो महीने के लिए बढ़ा दी है।

महेंद्र सिंह भाटी के सहयोग से डीपी यादव ने शुरू किया था शराब का कारोबार

गाजियाबाद के ब्लॉक प्रमुख रहे महेंद्र सिंह भाटी के सहयोग से डीपी यादव ने 1970 में शराब का कारोबार शुरू किया था। यादव के खिलाफ पहला आपराधिक मामला 1979 में गाजियाबाद के कविनगर थाने में दर्ज किया गया। उसके बाद डीपी यादव की क्राइम का मास्टर बन गया। हत्या के प्रयास के तीन, डकैती के दो, अपहरण और फिरौती के कई मामलों सहित उत्पादन शुल्क एक्ट के तहत भी मामले दर्ज हुए। यही नहीं, उस पर गैंगस्टर, आतंकी व विघटनकारी गतिविधियों के मामले में भी केस दर्ज हैं। उसके खिलाफ गाजियाबाद, मोदीनगर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, बदायूं समेत पश्चिमी यूपी के कई जिलों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके साथ ही हरियाणा के जींद व सिरसा में भी डीपी यादव का खौफ बढ़ा है।

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