नन्दन राणा ‘नवल’ की पुस्तक ‘कुछ त हो’ का गढ़ रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी ने किया लोकार्पण
-सहस्रधारा रोड देहरादून स्थित काफल रेस्टोरेंट में आयोजित किया गया लोकार्पण कार्यक्रम।
शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो)। गढ़वाली व हिन्दी के कवि नन्दन राणा ‘नवल’ की पहली गढ़वाली काव्य कृति ‘कुछ त हो’ का लोकार्पण बतौर मुख्य अतिथि गढ़ रत्न लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने सहस्रधारा रोड देहरादून स्थित काफल रेस्टोरेंट में किया। नेगी ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा में अधिक से अधिक सृजन करना चाहिये, जिससे संविधान की आठवीं सूची में अपनी मातृभाषा को स्थान दिलाने की मजबूत पैरवी कर सकें। उन्होंने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब हम सबके घरों में मातृभाषा की पुस्तकें होंगी और पाठक बढ़ेंगे।
लोकेश नवानी का कहना था कि हमें भावनात्मक काव्य से इतर विचारात्मक और खरा-खरा साहित्य सृजन करना होगा तथा नकल से बचकर मौलिकता पर ध्यान देना होगा।कवि नन्दन राणा “नवल” ने कहा कि मेरी इस काव्य कृति की प्रेरणा आदरणीय नरेन्द्र सिंह नेगी जी से ही मिली।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए धाद के संस्थापक लोकेश नवानी ने कहा कि हमें भावनात्मक काव्य से इतर विचारात्मक और खरा-खरा साहित्य सृजन करना होगा। साथ ही नकल से बचकर मौलिकता पर ध्यान देना होगा। कवि नन्दन राणा नवल ने कहा कि उन्हें इस काव्य कृति की प्रेरणा आदरणीय नरेन्द्र सिंह नेगी से ही मिली।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि शिक्षांकुर स्कूल देहरादून के मुख्य संचालक आचार्य सच्चिदानन्द जोशी, आशीष सुंदरियाल, मोहित नेगी, वरिष्ठ रंगकर्मी प्रेममोहन डोभाल, शैलेन्द्र मैठाणी, अनिल नेगी, अजयपाल नेगी, रमाकांत बेंजवाल, नवांकुर संस्था से सदस्य राजपाल पंवार, मनोज बिष्ट, अमित राणा, अरुणा बिष्ट जी, पंकज बिंदास, त्रिष्ठव बडोनी आदि मौजूद रहे। पुस्तक की समीक्षा वरिष्ठ साहित्यकार बीना बेंजवाल और संचालन गिरीश बडोनी ने किया।