नशा मुक्ति केंद्रों का नाम होगा जीवन ज्योति आश्रय, प्रस्ताव बनाने को कहा
-विकास भवन सभागार में बुधवार को हुई राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी रहे मौजूद।
देहरादून। नशा मुक्ति केंद्रों का नाम जीवन ज्योति आश्रय रखने का प्रस्ताव उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बैठक में रखा है। नेगी ने कहा कि नशामुक्ति केन्द्र नाम से पीड़ित बच्चे व अभिभावक भी संकोच करते हैं, ऐसे में इसका नाम जीवन ज्योति आश्रय रखा जाना चाहिए। राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में नेगी ने प्रस्ताव तैयार करने को कहा।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग, महिला सशक्तिकरण व बाल विकास विभाग के तत्वाधान में बच्चों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति, रोकथाम व पुर्नवास को लेकर बुधवार को विकास भवन में राज्य स्तरीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक उत्तराखंड बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की सचिव झरना कमठान ने किया।
जिम्मेदारी समझें अधिकारी, बैठक में होमवर्क कर आएं
आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि बच्चों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति, रोकथाम एवं पुनर्वास को लेकर स्वास्थ्य शिक्षा, समाज कल्याण, पुलिस, आबकारी व अन्य बच्चों के हितों से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थायें समन्वय बनाकर योजनाओं को धरातल पर उतारें। उन्होंने आबकारी विभाग की ओर से सामाजिक सुरक्षा एवं सड़क सुरक्षा के लिए प्राप्त सेस की धनराशि के उपयोग के सम्बन्ध में जानकारी ली। कहा कि बच्चों में नशे की प्रवृत्ति रोकने के लिए गहनता से चिन्तन की जरूरत हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को कहा कि बैठक में आने से पहले होमवर्क कर जानकारी उपलब्ध करायें और जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए जनजागरूकता का भी विशेष ध्यान रखें।
मेडिकल स्टोर पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे
बैठक में ड्रग्स कन्ट्रोलर ने बताया कि सभी मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी लगाये गए हैं। प्रतिबन्धित दवाइयों के निर्माण व बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। समाज कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि मानसिक चिकित्सालय सेलाकुई व वीरचन्द्र सिंह गढवाली आयुर्वेद चिकित्सालय श्रीनगर में नशामुक्ति केन्द्र खोलने के प्रस्ताव भेजे गए हैं। इस पर अध्यक्ष ने प्रस्ताव की प्रति आयोग को उपलब्ध कराने के साथ ही देहरादून के कोरोनेशन व गांधी शताब्दी अस्पताल में कांउसिलिंग सेन्टर बनाए जाने के प्रस्ताव भी तैयार करने को कहा।
दून अस्पताल में बन रहा नशा मुक्ति केंद्र
बैठक में स्वास्थ्य विभाग की चर्चा के दौरान बताया गया कि दून अस्पताल में 5 लाख की लागत से नशामुक्ति केन्द्र व रिहेब सेन्टर का कार्य प्रगति पर है। हवालबाग अल्मोड़ा में केन्द्र संचालित किया जा रहा है।
236 लोगों को भेजा जेल
पुलिस विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण बताते हुए सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किए जाने पर बल दिया।बैठक में बताया गया कि आपरेशन सत्य के तहत 223 प्राथमिकी दर्ज कर 236 लोगों को जेल भेजा गया है। नशे का कारोबार करने वालों का थानेवार चिन्हिकरण कर हेल्पलाईन, एडीपीएफ व एसटीएफ यूनिट के माध्यम से पैडलरों द्वारा नशे की सामग्री सप्लाई करने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है। एनसीबी के साथ समन्वय बनाकर इस काम में तेजी लाई जाए।
आयोग की कार्यशाला 23 फरवरी को
नेगी ने कहा कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए विद्यालयों, बोर्डिंग स्कूलों के संचालकों पर शिकंजा कसते हुए ऐसे स्कूलों का औचक निरीक्षण पुलिस के सहयोग से करें। बच्चों को सही दिशा देना आवश्यक है इसके लिए अभिभावकों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों, प्राईवेट शिक्षण संस्थानों में नशे की प्रवृत्ति को बढावा मिल रहा है, जिसके लिए इन शिक्षण संस्थानों की छात्र/छात्राओं के माध्यम से उनके साथ विस्तृत चर्चा कर नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाए जाने के लिए आयोग 23 फरवरी को कार्यशाला आयोजित कर रहा है। बैठक में पंचायतीराज विभाग की ओर से बताया गया कि ग्राम, ब्लाॅक व जनपद स्तर पर स्वास्थ्य कल्याण समितियों का गठन किया गया है, जिनके माध्यम से बच्चों में बढती नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की प्रक्रिया चलाई जा रही है। श्रम विभाग ने बताया गया कि बाल मजदूरों का पंजीकरण के अलावा बालश्रम पर अंकुश लगाने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। बैठक में श्रम विभाग को निर्देशित किया गया कि बाल श्रमिकों को उनके इच्छित व्यवसाय की रुचि को लेकर सूची तैयार की जाए व उसी आधार पर उनको व्यवसाय उपलब्ध कराया जाए।
बाल आयोग बनाएगा गाइड लाइन
बैठक में महिला कल्याण विभाग को बच्चों के पुनर्वास के सम्बन्ध में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी ली गई। यह भी जानकारी ली गई कि कितने एनजीओ बच्चों के लिए काम कर रहे हैं। साथ ही केन्द्र सरकार व राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त कर रहे संस्थाओं का सर्वे कर उसकी सूची आयोग को उपलब्ध कराने को कहा। बैठक में बताया गया कि नशे की बढती प्रवृत्ति की रोकथाम व पुनर्वास के सम्बन्ध में आयोग गाइडलाईन तैयार करेगा। इस अवसर पर बचपन बचाओ अभियान, निर्माण सहित कई अन्य स्वयंसेवी संगठनों ने बच्चों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी।
बैठक में डाॅ रोशनी सती, आबकारी विभाग के संयुक्त निदेशक जेएस गब्र्याल, सीओ पल्लवी त्यागी, सुरेश उनियाल, सहायक निदेशक बाल विकास डाॅ एसके सिंह, जिला पंचायतीराज अधिकारी जितेन्द्र कुमार, सरोजपाल समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।