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स्वर्णिम भारत के निमार्ण के लिए लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति: निशंक

– केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने 2201-22 के लिए शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कही अपनी बात। शिक्षा के क्षेत्र में बजट कटौती के विपक्ष के आरोपों को किया खारिज

शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (central education minister Dr Ramesh pokhriyal nishank) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (new national education policy) को नये भारत के निमार्ण की आधारशिला बताया। निशंक ने 2201-22 के लिए शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 21वीं सदी के स्वर्णिम भारत के निमार्ण के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लायी गयी है, यह सशक्त, श्रेष्ठ और आत्मनिर्भर भारत की आधरशिला बनेगी। उन्होंने कहा कि भारत विश्वगुरु था, विश्वगुरु है और विश्वगुरु रहेगा।

निशंक (nishank) ने कहा कि हमने विश्व को कभी बाजार माना ही नहीं, बल्कि हमने विश्व को एक परिवार माना है। हम सुख और दुख मिलकर बांटते हैं। ऐसा नहीं है कि हमारे पास रुपया नहीं है। अलग-अलग योजनाओं के तहत काफी आवंटन है। मसलन 15 हजार आदर्श स्कूलों का विकास करने की बात कही गई है, सैनिक स्कूलों के विकास की बात कही गई है।

केंद्रीय मंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में बजट में कटौती के आरोपों को खारिज कर दिया। निशंक ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि बजट में कोई कटौती नहीं हुई। बजट कम नहीं हुआ है।

बजट कटौती का लगाया आरोप

दरअसल, चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सरकार पर शिक्षा मंत्रालय के लिए बजट आवंटन में कटौती करने का आरोप लगाया था। कहा कि पर्याप्त बजट के बिना नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों को हासिल करना संभव नहीं होगा।

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