प्रो. ओंकार सिंह ने संभाली तकनीकी विवि की कमान, पीपी ध्यानी ने सौंपा कार्यभार
-तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी संभाले हुए थे। ध्यानी ने कहा कि नियमित कुलपति को कार्यभार देकर उन्हें आत्मीय खुशी हुई है।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (तकनीकी विवि) देहरादून को नियमित कुलपति मिल गया है। कुलपति के रूप में प्रो. ओंकार सिंह की ताजपोशी हुई है। पिछले एक साल चार माह और 15 दिन से विवि का अतिरिक्त प्रभार देख रहे श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने आज नियमित कुलपति को कार्यभार सौंप दिया। ध्यानी ने उन्हें विश्वविद्यालय की उपलब्धिया से अवगत कराकर विश्वविद्यालय को और ऊंचाइयों पर ले जाने हेतु अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी।
कार्यभार हस्तान्तरण के अवसर पर डॉ ध्यानी ने कहा कि उन्हें नियमित व सुयोग्य व्यक्ति को कुलपति का कार्यभार देने पर आत्मीय खुशी हुई। एडोक्रेसी/तदर्थ/अतिरिक्त प्रभार/काम चलाऊ व्यवस्था के तहत राज्य में कुलपतियो, कुलसचिवों, परीक्षा नियंत्रको व वित्त अधिकारियों की नियुक्तियां विश्वविद्यालयों के हित में नही हैं। तदर्थ व काम चलाऊ व्यवस्थाओं से विश्वविद्यालयों को किसी भी हालत मे उत्कृष्ट नहीं बनाया जा सकता है। डॉ ध्यानी ने बताया कि उन्होंने 18 जून 2022 को ‘जनरल विपिन रावत डिफेंस लैब’ के लोकार्पण के समय यह बात सार्वजनिक कार्यक्रम में कही थी और विश्वविद्यालय में नियमित कुलपति की नियुक्ति करने की बात कही थी जो कि सोशल मीडिया व समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुई थी।
कार्यभार हस्तान्तरण करने के बाद विश्वविद्यालय द्वारा डॉ ध्यानी के सम्मान में विदाई समारोह व नव आगन्तुक प्रो. ओंकार सिंह के सम्मान मे स्वागत समारोह आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों, कर्म चारियों व शिक्षकों ने कुलपति ध्यानी को भावभीनी विदाई दी। कहा कि डॉ ध्यानी के कुशल नेतृत्व में वे कार्य करने से अति प्रोत्साहित और गौरवान्वित हुए। उन्होंने एक स्वर से कहा कि डॉ ध्यानी का कार्यकाल विश्वविद्यालय में स्वर्णिम कार्यकाल के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों ने प्रो ओंकार सिंह का विश्वविद्यालय का कुलपति बनने पर स्वागत किया और उन्हें विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट बनाने हेतु अपना पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिलाया।
डॉ ध्यानी ने कहा कि आज उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नियमित कुलपति प्रो. ओंकार सिंह को कार्यभार देकर उन्हें अत्यन्त प्रसन्नता हुई। प्रो. ओंकार सिंह देश के प्रतिष्ठित मैकेनिकल इंजीनियर हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश के 2 विश्वविद्यालयो में कुलपति के रूप में कार्य करने का वृहद अनुभव है। उनके ज्ञान, बुद्धिमत्ता व अनुभव से उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उन्नति के शिखर पर जरूर पहुंचेगा, उन्हें ऐसा विश्वास है।
विदाई और स्वागत समारोह के कार्यक्रम के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव आरपी गुप्ता, वित्त नियंत्रक बिक्रम सिंह जंतवाल, परीक्षा नियंत्रक पीके अरोड़ा, वित्त अधिकारी सुरेश चन्द्र आर्य, शोध समन्वयक डॉ मनोज पाण्डा सहित विश्वविद्यालय कार्मिक व शिक्षक उपस्थित रहे।
विवादों/चर्चाओं में रहता था विश्वविद्यालय
त्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पूर्व में कई कारणों के कारण हमेशा विवादों/चर्चाओं में रहता था, जिससे छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों इत्यादि द्वारा उच्च न्यायालय नैनीताल व सर्वोच्च न्यायालय में विश्वविद्यालय के खिलाफ, कई वाद दाखिल किए गए थे। वर्तमान में 6 वाद उच्चतम न्यायालय में तथा 157 वाद उच्च न्यायालय नैनीताल में लम्बित हैं। इन लम्बित न्यायिक प्रकरण का प्रभावी ढंग से पैरवी करना विश्वविद्यालय के समक्ष आज एक बहुत बडी चुनौती है। लेकिन, जब से डॉ ध्यानी ने कुलपति का कार्यभार सम्भाला था, उनकी बेहद ईमानदारी, सख्त प्रशासनिक छवि और कायदे कानून के अनुसार कार्य करने की जबर्दस्त क्षमता के कारण उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय का कोई भी निर्णय विवादों में नहीं रहा, बल्कि विश्वविद्यालय की मान्यता प्रणाली और प्रशासनिक व वित्तीय छवि में दिनों दिन गुणात्मक सुधार हुआ।
पहली बार हुआ ऑनलाइन लाईव परीक्षाओं का आयोजन
डॉ ध्यानी के कार्यकाल राज्य में पहली बार ऑनलाइन लाईव परीक्षाओं का आयोजन हुआ, वर्ष 2021-22 से शैक्षणिक सत्र नियमित हुआ, डिजी लॉकरी- नेशनल एकैडमिक डिपोजटी छात्र- छात्राओं की डिग्रियां संरक्षित हुई, विश्वविद्यालय में 5 साल ने रूकी पीएचडी प्रक्रिया शुरू हुई, विश्वविद्यालय में 13 साल से रूकी पदोन्नति हुई और 5 साल 5 माह बाद दीक्षान्त समारोह आयोजित हुआ और विश्वविद्यालय द्वारा 3 महत्वपूर्ण समझौते आर्मी डिजायन ब्यूरो आर्ट पार्क और एनवीआर न्यू सिस्टम्स प्राइवेट लि0 हुए। इन महत्वपूर्ण उपलब्धियों से विश्वविद्यालय की छवि में निखार हुआ और विश्वविद्यालय उत्कृष्ट विश्वविद्यालय की ओर बनने में अग्रसर हुआ।