एक घंटे के अंदर टेस्ट किट बताएगी रिपोर्ट निगेटिव या पॉजिटिव
-निपाह वायरस के बढ़ते खतरे के बीच ट्रूनेट गोवा की मोल्बियो डायग्नोस्टिक की ओर से बनाई गई टेस्ट किट है। इसे ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की ओर से आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है।
कोरोना के बाद निपाह वायरस के बढ़ते खतरे के बीच भारत को हथियार मिला है। ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की ओर से निपाह वाायस की जांच के लिए गोवा की मोल्बियो डायग्नोस्टिक की टेस्ट किट को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। ट्रूनेट नाम की यह टेस्ट किट से आरटीपीसीआर प्लेटफार्म पर आधारित है। निपाह वायरस की जांच के लिए अनुमोदित भारत की यह पहली टेस्ट किट है।
किट से 30 बीमारियों की जांच
ट्रूनेट पूरी तरह से स्वदेशी बैटरी से चलने वाली और आरटीपीसीआर प्लेटफॉर्म पर आधारित है। इसके माध्यम से करीब 30 बीमारियों की जांच की जा सकती है, एक घंटे से भी कम समय में इसके नतीजे सामने आ जाते हैं। इस किट से टीबी, कोरोना, डेंगू, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस, एचपीवी जैसी बीमारियों की जांच की जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पेटेंट
मीडिया से बात करते हुए मोल्बियो के सीटीओ चंद्रशेखर नायर ने बताया कि टेस्ट किट को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ले जाया गया है और हर जगह से पेटेंट कराया गया। इस किट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि कम समय के प्रशिक्षण के बाद भी इसे प्रयोग में लाया जा सकेगा।
गौरतलब है कि केरल के कोझिकोड के अलावा भारत में निपाह वायरस के तीन मामले सामने आ चुके हैं। सबसे पहले 2001 में सिलीगुड़ी में यह वायरस मिला था, इसके बाद 2007 में पंश्चिम बंगाल और केरल के कोझिकोड और मल्लपुरम में 2018 में यह संक्रमण सामने आया था।