Mon. Jun 2nd, 2025

एक बार तुमने कहा था …

नीतीश डोभाल
देहरादून, उत्तराखंड


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एक बार
तुमने कहा था—
सुबहें हमेशा नई नहीं होतीं
कुछ से पिछली, गुज़री रातें
लिपटी होती हैं

तब मैं समझा नहीं था
लेकिन, अब…
हर सुबह
तुम्हारी साँस के जैसी
लगती है

यादें कभी-कभी
चीज़ों से ज़्यादा टिक जाती हैं
जैसे कि तुम —
मन की खिड़की से
देखी गई
सबसे पुरानी सुबह हो …

Nitish Dobhal
शनिवार, १७ मई २०२५

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