मंत्री जी घर से नदारद, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
देहरादून। महाविद्यालयों में अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा का विरोध कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ता शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के आवास पर उनके समक्ष मांग रखने गए। लेकिन, मंत्री जी नदारद थे। जिस कारण कार्यकर्ताओं की उनसे बात नहीं हो पाई। हालांकि, अपर सिटी मजिस्ट्रेट एमआर जोशी ज्ञापन लेने पहुंचे।
एनएसयूआई कार्यकर्ता तय कार्यक्रम के तहत यमुना कालोनी चौराहे पर एकत्र हुए। वहां से नारेबाजी करते हुए उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के आवास पर पहुंचे। रावत के घर पर न होने की सूचना से गुस्साए कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता मंत्री आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए। डेढ़ घंटे उन्होंने धरना दिया। बाद में अपर सिटी मजिस्ट्रेट के पहुंचने पर उन्हें मांगों से सबंधित ज्ञापन दिया गया। धरना प्रदर्शन में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी, प्रदेश महासचिव आयुष गुप्ता, जिला अध्यक्ष देहरादून सौरभ ममगाईं, जिला अध्यक्ष पौड़ी गौरव सागर, संदीप सिंह, अभिषेक डोबरियाल, विकास नेगी, हिमांशु रावत, आस्कर रावत, उदित थपलियाल, अंकित बिष्ट, वासु शर्मा, वंश माहेश्वरी, विजय बिष्ट, उज्जवल सिंह, प्रकाश नेगी, सौरभ कुमार, सावन राठौर, उत्कर्ष जैन, निश्चय, सागर , हरीश जोशी, गोपाल, कमल नेगी, शिवम भाटिया, सौरभ आदि शामिल रहे।
छात्र छात्राओं की समस्या नहीं देख रहे राज्य मंत्री: भंडारी
एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने कहा कि एनएसयूआई लंबे समय से छात्र छात्राओं को प्रमोट करने की मांग कर रही है। लेकिन, यूजीसी के निर्देश पर अंतिम वर्ष की परीक्षा करवाई जा रही है, जिसका एनएसयूआई विरोध करती है। उच्च शिक्षा मंत्री प्रदेश के छात्र छात्राओं की समस्याओं का संज्ञान नहीं ले रहे हैं। जिसके चलते उनके आवास पर आना पड़ा, लेकिन वह आवास पर नहीं नहीं मिले। यदि छात्र हित में मांगे नहीं मानी गई तो मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा।
एनएसयूआई की मुख्य मांगें
•अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं को भी पूर्व प्रदर्शन के आधार पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त अंकों के साथ प्रमोट किया जाए, क्योंकि छात्र-छात्राएं अंतिम वर्ष में अधिक परिश्रम करते हैं।
•इस वर्ष राज्य के विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष में वार्षिक परीक्षा प्रणाली है उन छात्र-छात्राओं को भी प्रोमोट किया जाए।
•छात्र छात्राओं के 6 माह का शुल्क माफ किया जाए।
•यह व्यवस्था तकनीकी मेडिकल आयुर्वेद डिप्लोमा कोर्स समेत अन्य सभी शिक्षा क्षेत्रों के लिए किया जाएं।