एनएसयूआई ने डीएवी में किया बुद्धि शुद्धि यज्ञ, कालेजों का अनुदान खत्म करने का विरोध
-अंब्रेला एक्ट बनने के बाद राज्य के अशासकीय महाविद्यालयों को मिलने वाला अनुदान खत्म हो गया है। एनएसयूआई इसका विरोध कर रही है।
देहरादून (dehradun)। एनएसयूआई (Nsui) ने प्रदेश के 18 अशासकीय कॉलेजों (added colleges) का अनुदान रोकने के विरोध में डीएवी पीजी कॉलेज (DAV Pg college) में राज्य सरकार (state government) की बुद्धि-शुद्धि (budhi shudhi yagya) के लिए यज्ञ किया। कार्यकर्ताओं ने मांग की कि राज्य सरकार अनुदान रोकने के अपने फैसले पर दोबारा विचार करे और जल्द से जल्द इसको वापस लें।
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सौरभ ममगाईं (Nsui district president Saurabh Mamgain) ने कहा कि देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, ऊधमसिंहनगर व टिहरी जनपदों में 18 अनुदानित अशासकीय महाविद्यालय हैं। राज्य सरकार ने उन्हें मिलने वाला अनुदान खत्म कर दिया है। सरकार का कहना है इन महाविद्यालयों के लिए अनुदान पर राज्य सरकार 90.25 करोड़ खर्च कर रही है। जबकि, अशासकीय महाविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध होने के कारण राज्य सरकार के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इन महाविद्यालयों का अनुदान जारी नहीं रखा जा सकता है। ममगाईं ने कहा कि यदि सरकार की ओर से सहायता अनुदान रोका गया तो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित महाविद्यालयों में पढ़ने वाला छात्र होगा। अधिकतर सभी कोर्स सेल्फ फाइनेंस मोड में चलाने होंगें, इसमें छात्र-छात्राओं से मोटी फीस वसूली जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले लेने से पहले राज्य सरकार को इन महाविद्यालयों में पढ़ने वाले प्रदेश के हज़ारों छात्र-छात्राओं के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। सरकार को जल्द प्रदेश में नए डिग्री कॉलेज खोलने चाहिए, शिक्षकों की नियुक्ति करनी चाहिए, छात्रों की सुविधा के बारे में सोचना चाहिए। सरकार जल्द से जल्द अनुदान समाप्त करने का फैसला वापस ले अन्यथा छात्र-छात्राओं को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
इस मौके पर डीएवी पीजी कॉलेज के शिक्षक, एनएसयूआई के आदित्य बिष्ट, उदित थपलियाल, अंकित बिष्ट, वाशु शर्मा, सागर पुंडीर, उत्कर्ष जैन, नमन शर्मा, शुभम चौधरी, करन पेटवाल, आनंद रावत, सुधांशु, लक्ष्मण, संजय नेगी, अभिषेक बिष्ट आदि मौजूद रहे।