एनएसयूआई ने उच्च शिक्षा राज्यमंत्री को चेताया, फैसले वापस लो, वरना होगा उग्र आंदोलन
उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 में अशासकीय -महाविद्यालयों की ग्रांट रोकने और छात्र निधि का 50 प्रतिशत उच्च शिक्षा निदेशालय में जमा करवाने का किया गया है प्रावधान, इसका शिक्षक कर्मचारी भी कर रहे हैं विरोध, एनएसयूआई भी मामले को लेकर अपना रही उग्र रुख
देहरादून Dehradun। एनएसयूआई (Nsui) ने अशासकीय महाविद्यालयों (added digree college) की ग्रांट रोकने और छात्र निधि का 50 प्रतिशत उच्च शिक्षा निदेशालय (higher education directed) में जमा करवाने के राज्य सरकार (Uttarakhand government) ने आदेश का विरोध किया है। एनएसयूआई की ओर से सोमवार को दोनों मुद्दों पर सरकार से आदेश वापस लेने की मांग की। इस संबंध में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (higher education minister) डॉ धन सिंह रावत (Dr dhan Singh rawat) की ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि आदेश वापस नहीं लिए गए तो एनएसयूआई उग्र आंदोलन करेगी।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष (state president) मोहन भंडारी (Mohan Bhandari) ने कहा कि सरकार के उक्त दोनों फैसलों का संगठन विरोध करता है। छात्रनिधि की धनराशि पर उच्च शिक्षा निदेशालय को दिया जाना गलत है। वहीं, अशासकीय महाविद्यालयों की ग्रांट को रोका जाना भी दुर्भाग्यपूर्ण है। दोनों ही फैसले उच्च शिक्षा, छात्र छात्राओं व शिक्षक कर्मचारियों के लिए अहितकर हैं। इस संबंध में एनएसयूआई के निर्णय से उच्च शिक्षा को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करा दिया गया है। यदि यह फैसले वापस नहीं लिए जाते तो सरकार के खिलाफ एनएसयूआई प्रदेशव्यापी आंदोलन (protest) चलाएगी।