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समरस के ऑनलाइन कवि सम्मेलन में बही काव्य की रसधार

-समरस संस्थान हिमाचल प्रदेश इकाई ने आयोजित किया ऑनलाइन कवि सम्मेलन, विभिन्न राज्यों के कवियों ने किया काव्यपाठ

शब्द रथ न्यूज (shabd rath news)। समरस संस्थान हिमाचल प्रदेश इकाई (Samras sansthan Himachal Pradesh unit) ने ऑनलाइन काव्यगोष्ठी/कवि सम्मेलन (online Kavi sammelan) आयोजित किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अंतराष्ट्रीय हिंदी परिषद की अध्यक्ष आशा जाकड व अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच की अध्यक्ष अलका पाण्डेय और विशिष्ट अतिथि छालीवुड बॉलीवुड अभिनेता राइटर एवं लेखक सुनील दत्त मिश्रा व अमृत राजस्थान पत्रिका के संपादक पीएल शर्मा की गरिमामय उपस्थिति रही।


समरस हिमाचल प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष (president) चंदेल साहिब (chandel sahib) ने कहा कि समरस संस्थान भारत को किसी पहचान की आवश्यकता नहीं है। नाम और काम दोनों में संस्थान का योगदान सर्वोपरि है। संस्थान के राष्ट्रीय संयोजक मुकेश कुमार स्नेहिल की जितनी तारीफ की जाए कम है। कोरोना काल में उन्होंने देश के लगभग 15 राज्यों में न सिर्फ संस्थान इकाइयों को स्थापित किया बल्कि कोरोना से जूझ रहे सभी रचनाकारों को भी नया जीवन नई राह प्रदान की। कार्यक्रम के सभी रचनाकारों की रचनाएं एक से बढ़कर एक थी, जिसने हमारे दिल पर छाप छोड़ दी।
गोष्ठी का शुभारंभ गणेश वंदना के साथ हुआ। संचालन हिमाचल इकाई के अध्यक्ष चंदेल साहिब ने किया। संस्थान के अध्यक्ष मुकेश व्यास स्नेहिल ने सभी का आभार व्यक्त किया।

इस तरह रचनाओं से गुलजार रही महफ़िल

ख्वाहिशों की तलाश में,
मैं चलता ही चला गया।
लक्ष्यों की प्राप्ति में,
मैं बढ़ता ही चला गया।।
मुकेश कुमार स्नेहिल

काल करे सो आज की बात छोड़।
आज का काम सिर्फ़ आज करें हम।।
दूसरों में दोष निकालने की जगह।
अपना गिरेबाँ को साफ़ करें हम।।
चंदेल साहिब, हिमाचल प्रदेश

गीता ज्ञान की ज्योति है
गीता है जीवन का सार।
जन्म मरण तो निश्चित है
छोड़ो क्रोध और अहंकार।।
श्रीमति आशा जाकड़ जी
राष्ट्र की आन बान शान हिंदी
हिंदी है मेरी पहचान।
भारत का अभिमान है हिंदी
हिंदी की बिंदी भारत माँ की शान।।
डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई

कवि की कविता बन जाये हर जगह फलसफा।
जद्दोजहद की इस भूमि में बने सबका हकसफा।।
शौहरत के नशे में चूर कर देते भोले-भाले लेखक को दफा।

हीरा सिंह कौशल, मंडी, हिमाचल प्रदेश

आज मुस्कुराए मेरा मन
आज गुनगुनाए मेरा मन
साफ़ देखो कितना है गगन
महक रहा है सारा चमन
बज रही मीठी सी ये धुन
कान लगा कर रहा है कोई सुन तनिक पास आइये आप भी मुस्कुराइए।
मंजुला वर्मा, मंडी हिमाचल प्रदेश
*

परखने की कोशिश मत करना,
तुझसे बहुत ही गहरा नाता है।
समझने की कोशिश कर लेना,
हर हाल साथ निभाना आता है।।
सुनीता चौहान, हिमाचल प्रदेश

ऐ राह के मुसाफिर
तुम यूं ही थक ना जाना।
रोकेंगे तुम्हें दुश्मन
रोकेगा ये जमाना।
तुम संभल ठोकरों से
कुछ सबक सीख लेना।
परमजीत सिंह, कहलूरी हिमाचल प्रदेश

गाँव छोड़कर जब से शहर आ गए हम
किरायेदारों के भी किराएदार बन गए हम ।
डॉ राजेश कुमार जैन श्रीनगर उत्तराखंड

समाज को नशे से मुक्त कराना है।
नवयुवाओं को राह सही दिखाना है।।
वीना आडवानी नागपुर, महाराष्ट्र

फटी लंगोटी तन पर पहने,गमछा सिर पर लपेटे
दिन रात ये मेहनत करते मजदूर मां के बेटे।
सुषमा श्रीवास्तव, भोपाल मध्यप्रदेश

महसूस करती हुं तेरी कृपालु नज़र ,
इत्तफ़ाक से मिल पाए मुस्कुराहट,
अंत समय दर्शनाभिलाषी हुं मां,
आँचल पसारे ,विनंती स्वीकृत करना,
पद्माक्षी शुक्ल, पुणे महाराष्ट्र

मोहब्बत हो गई तुमसे बता दो दिल का क्या कीजे।
तुम्हारे हाथ में मोहन जो देना हो सजा दीजे।।
रेखा शर्मा, मुज्जफरपुर बिहार

हे जगदम्बा दुष्ट संहारिणी
आकर हम पर कृपा करो
हम भी बने सिंह सपूतनी
अदम्य साहस शक्ति भरो ।
ललिता कश्यप बिलासपुर

वृष भानु सुता नैन दुलारी ,
श्याम-सुन्दर की प्राण प्यारी ।
बरसाने की नटखट छोरी ।
नंदलाल की राधा गोरी ।।
डॉ भावना एन सावलिया राजकोट गुजरात

हर लड़की की होती है इतनी सी ख्वाहिश, हर कर्तव्य निभायेगी
प्यार से बस पति का थोड़ा सा प्यार और विश्वास मिले
चंदा डांगी, चित्तौड़गढ़ राजस्थान

मुहब्बत की दहलीज पर हम तुम्हारे अरमान सजायेंगे, तुम्हारी आँखों पर भी सजकर चमक जाएंगे, हाँ कर के देखो मेरे पनाहगार ज़िन्दगी में अंचल बिछाकर दिखाएंगे।।
डॉ अनूप प्रताप सिंह, पटियाला पंजाब

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