हमले के बाद ओवैसी को जेड श्रेणी सिक्योरिटी, रहेंगे सीआरपीएफ जवानों के घेरे में
-सरकार ने ओवैसी की सुरक्षा की समीक्षा की है। इसके बाद उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया गया। हालांकि, ओवैसी ने कहा है कि वह न तो हमलावरों से डरेंगे और न ही सुरक्षा लेंगे।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे फायरिंग की गई थी। घटना उस वक्त हुई जब उनका काफिला पिलखुवा के पास छिजारसी टोल प्लाजा से गुजर रहा था। दो युवकों ने कार में नीचे की तरफ गोलियां चलाईं। इस दौरान समर्थकों ने एक हमलावर को पकड़ लिया और टोलकर्मियों को सौंप दिया। उसके पास से पिस्तौल बरामद हुई है। बाद में पुलिस ने दबिश देकर दूसरे को भी पकड़ लिया। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के नाम सचिन व शुभम बताए हैं। वे ओवैसी के नफरत भरे भाषण से नाराज थे, इसलिए हमला किया। सचिन ने पूछताछ में बताया कि शुभम से उसकी दोस्ती फेसबुक पर हुई। इसके बाद फोन पर बातें होने लगीं। फोन पर ही हमले की साजिश तैयार की। दोस्तों से पिस्तौल ली। हमले से पहले दोनों मिले और कार से टोल प्लाजा पर पहुंच गए।
ओवैसी ने हमले को साजिश बताते हुए विरोधियों को चुनौती दी थी। कहा था कि वह न तो डरने वाले हैं न ही सुरक्षा लेने वाले। अब देखना होगा कि केंद्र द्वारा मुहैया कराई जाने वाली जेड श्रेणी की सुरक्षा वह लेंगे या नहीं? जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं। इनमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते है।