पंजाब कांग्रेस में घमासान: प्रभारी हरीश रावत कैप्टन के साथ, सिद्धू को नसीहत..काबू में रखें सलाहकार
-पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का विरोधी गुट यानी पंजाब सरकार के चार मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखविंदर सिंह रंधावा, सुख सकारिया व चरनजीत चन्नी और तीन विधायक कुलवीर जीरा, बरीन्द्रजीत पहाड़ा व सुरिंदर धीमान देहरादून पहुंचे। होटल में उनकी कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत के साथ बैठक हुई।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान का मामला आज देहरादून पहुंच गया। दरसअल, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का विरोधी गुट पंजाब प्रभारी हरीश रावत से मिलने देहरादून आया। हरीश रावत ने कैप्टन के विरोधियों को दो टूक कहा कि 2022 का चुनाव कैप्टन के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। वहीं, उन्होंने पंजाब कांग्रेस ने नए नवेले अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को भी नसीहत दी कि वह अपने सलाहकारों को काबू में रखें।
पंजाब सरकार के चार मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखविंदर सिंह रंधावा, सुख सकारिया व चरनजीत चन्नी और तीन विधायक कुलवीर जीरा, बरीन्द्रजीत पहाड़ा व सुरिंदर धीमान देहरादून के होटल में पहुंचे। इसी होटल में उनकी बैठक हुई। हरीश रावत भी बैठक में पहुंचे। बैठक में जाने से पहले हरीश रावत ने मीडिया से कहा कि कैप्टन अमरिंदर के नेतृत्व में ही 2022 का चुनाव लड़ा जाएगा।
दोहपर गलभग तीन बजे के बाद बैठक खत्म हुई। उसके बाद हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत की। रावत ने कहा कि पंजाब सरकार को कोई खतरा नहीं है। पंजाब के विधायकाें ने अपनी चिंताएं बताईं हैं। सभी पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर चिंतित हैं। इनका विरोध किसी व्यक्ति से नहीं है। बल्कि, वो चाहते हैं कि चुनाव में एक स्पष्ट रोड मैप के साथ उतरें ताकि चुनाव में जीत हासिल की जा सके। विधायकों की एडमिनिस्ट्रेशन को लेकर भी कुछ शिकायतें थीं। रावत ने कहा कि कांग्रेस मिलकर चुनाव जीतने के लिए प्रयास कर रही है।
हरीश रावत ने कहा कि विधायकों ने आश्वासन दिया है कि वह पार्टी की एकता के लिए बनाए रखेंगे, उनका पार्टी हाईकमान पर पूरा भरोसा है। विधायकों की चिंताओं को लेकर मैं हाई कमान के पास जाऊंगा। मुझे इन पर पूरा भरोसा है। यदि पार्टी में थोड़ा डैमेज हुआ भी होगा तो उसकी पूर्ति का रास्ता विधायकों में से ही निकलेगा।
हरीश रावत ने पंजाब के मुख्यमंत्री व अपनी ही सरकार से कुछ विधायकों की नाराजगी कबूल की। उन्होंने कहा कि ऐसा होता है। पंजाब मुझे जाना चाहिए था, लेकिन मैं नहीं जा सका तो विधायक मुझसे मिलने आ गए। रावत ने कहा कि एक-दो दिन में वह दिल्ली जाएंगे और पार्टी हाईकमान को पंजाब की परिस्थितियों की जानकारी देंगे। हरीश रावत ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को भी कह दिया गया है कि वह अपने सलाहकारों को नियंत्रण में रखें। रावत ने कहा कि मैंने सभी विधायकों की बात सुनी है, उन्होंने भी मेरी बात सुन ली है। अब फैसला उनको लेना है। मुझे विश्वास है कि वह मेरी बात समझेंगे।