पेड़ वाले गुरु जी की अनूठी पहल, चुनाव ड्यूटी का नहीं लेगे मानदेय
-विकासखंड पोखरी के राजकीय इंटर कॉलेज गोदली में तैनात शिक्षक धन सिंह गरिया ने चुनाव ड्यूटी लगने पर किसी भी तरह का मानदेय लेने से इनकार किया है। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर कहा है कि लोकतंत्र के किसी भी स्तर पर होने वाली निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी करना वह अपना कर्तव्य समझते हैं। इसलिए वह वर्तमान चुनाव प्रक्रिया में तैनाती के साथ ही भविष्य के किसी भी चुनाव में ड्यूटी लगने पर टीए/डीए के तहत मिलने वाले मानदेय के लिए दावा नहीं करेंगे।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। पेड़ वाले गुरुजी के नाम से भी जाने जाने वाले शिक्षक धन सिंह गरिया ने अनूठी पहल करते हुए चुनाव में ड्यूटी लगाने पर किसी तरह का मानदेय लेने से इनकार किया है। चमोली जिले के विकासखंड पोखरी के राजकीय इंटर कॉलेज गोदली में तैनात शिक्षक ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह वर्तमान से लेकर भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में निशुल्क सेवा देंगे। गरिया के चुनाव आयोग को लिखे पत्र की चारों ओर चर्चा हो रही है।
भारत में होने वाले चुनावों में विभिन्न स्तर पर लोग अलग-अलग रूप में भागीदारी निभाते हैं। खासकर चुनाव के समय शिक्षकों से लेकर अन्य कर्मचारियों/अधिकारियों की इसमें ड्यूटी लगती है। जिसके लिए उन्हें चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित टीए (यात्रा भत्ता) और डीए (महंगाई भत्ता) का भुगतान किया जाता है।
मानदेय के लिए नहीं करेंगे दावा
विकासखंड पोखरी के राजकीय इंटर कॉलेज गोदली में तैनात शिक्षक धन सिंह गरिया ने चुनाव ड्यूटी लगने पर किसी भी तरह का मानदेय लेने से इनकार किया है। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर कहा है कि लोकतंत्र के किसी भी स्तर पर होने वाली निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी करना वह अपना कर्तव्य समझते हैं। इसलिए वह वर्तमान चुनाव प्रक्रिया में तैनाती के साथ ही भविष्य के किसी भी चुनाव में ड्यूटी लगने पर टीए/डीए के तहत मिलने वाले मानदेय के लिए दावा नहीं करेंगे। उन्होंने आयोग से अनुरोध किया है कि उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी के लिए किसी भी तरह का मानदेय न दिया जाए। साथ ही अनुरोध किया है कि भविष्य में होने वाले चुनावों में वह निरंतर निस्वार्थ भाव सेवा करने की इच्छा रखते हैं।
पौधरोपण/पर्यावरण संरक्षण के काम में लगे रहते हैं गरिया
शिक्षक धन सिंह गरिया पेड़ वाले गुरुजी के नाम से भी जाने जाते हैं। वह पर्यावरण के प्रति काफी संवेदनशील हैं। पिछले बीस सालों से वे पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करते आ रहे हैं, हर साल जगह-जगह पर सैकड़ों पौधे लगाते हैं। लोगों को भी पौधे लगाने के लिए जागरूक करते हैं। वे विद्यालय में पठन-पाठन के कार्य के साथ ही अतिरिक्त समय में पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण के काम में लगे रहते हैं।