केदारनाथ में प्रधानमंत्री … विरासत को वापस मिल रहा है पुराना गौरव : मोदी
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की धरती से अयोध्या, मथुरा, काशी और सारनाथ का जिक्र कर बड़ा संदेश दिया है। दीपावली के अगले ही दिन बाबा केदार के दर्शन करने और आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के अनावरण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में उत्तराखंड के विकास का जिक्र किया। वहीं, तीर्थ स्थानों के पुनरुद्धार की बात कर हिंदुत्व के तार भी जोड़े। मोदी ने अयोध्या, मथुरा, काशी और सारनाथ में चल रहे काम का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी विरासत को पुराना गौरव वापस मिल रहा है।
अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को सदियों बाद पुराना गौरव वापस मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड का दशक है। बीते 100 सालों में जितने यात्री आए होंगे, उससे ज्यादा लोग अगले 10 सालों में ही आ जाएंगे। आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के अनावरण और बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना के बाद मोदी ने कहा कि आज देश के हर कोने में इस पवित्र माहौल के साथ लोग जुड़े हुए हैं। भले ही लोग सशरीर यहां नहीं पहुंचे हैं। लेकिन, वर्चुअल माध्यम से लोग हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। आप सभी शंकराचार्य की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। हमारा देश तो इतना विशाल है, इतनी महान ऋषि परंपरा है कि एक से बढ़कर एक तपस्वी आज भी भारत के हर कोने में आध्यात्मिक चेतना को जगाते रहते हैं।
दीपावली के मौके पर सैनिकों के साथ था, आज सैनिकों की धरती पर हूं
प्रधानमंत्री कहा कि ऐसे अनेकों संत आज भी देश के हर कोने में हैं कि उनका नाम लेने में एक सप्ताह कम पड़ जाएगा। यदि कोई नाम छूट भी गया तो पूरी जिंदगी के लिए पाप के बोझ में दब जाऊंगा। मोदी ने संतों को प्रणाम करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि वे जहां भी हैं, वहां से हमें आशीर्वाद देंगे। प्रधानमंत्री कहा कि जब भी मैं बाबा केदारनाथ धाम आता हूं तो यहां के कण-कण से जुड़ जाता हूं। यहां आकर ऐसी अनुभूति होती है कि उसके बारे में व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। दीपावली के मौके पर मैं सैनिकों के साथ था और आज तो मैं सैनिकों की ही धरती पर हूं।
पहाड़ के काम आएगी अब पानी और जवानी
प्रधानमंत्री कहा कि कोरोना न होता तो चारधाम यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों की संख्या कहीं ज्यादा होती। उत्तराखंड में पलायन रोकने के उपायों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब पानी और जवानी दोनों पहाड़ के काम आएंगे। तीन साल बाद एक बार फिर से केदारनाथ धाम पहुंचे मोदी ने जय बाबा केदार के उद्घोष से अपने भाषण की शुरुआत की।
शंकराचार्य की समाधि दिव्य स्वरूप के साथ हम सबके बीच
प्रधानमंत्री कहा कि गोवर्धन पूजा के दिन मुझे केदारनाथ जी के दर्शन का मौका मिला है। बाबा केदारनाथ के दर्शन के साथ ही आदि शंकराचार्य की समाधि पर मैंने कुछ पल बिताए। वह मेरे लिए एक दिव्य अनुभूति का था। वहां बैठते ही लग रहा था कि आदि शंकराचार्य की आंखों से वह प्रकाश पुंज प्रवाहित हो रहा है, जो भव्य भारत का विश्वास जगा रहा है। शंकराचार्य की समाधि एक बार फिर और अधिक दिव्य स्वरूप के साथ हम सबके बीच है। इसके साथ ही सरस्वती तट पर घाट का निर्माण भी हो चुका है। केदारनाथ धाम में आई आपदा से मैं व्यथित हो गया था और तुरंत दौड़ा चला आया था। लेकिन,मुझे विश्वास था कि एक दिन केदारनाथ धाम यूं ही खड़ा हो जाएगा। यह बाबा केदारनाथ के आशीर्वाद और शंकराचार्य की तपस्या से पूरा होगा।
जो कल्याण करे, वही शंकर है
प्रधानमंत्री कहा कि अपने स्वप्न को मैंने केदारनाथ के पुनर्निर्माण से पूरा होते देखा है। इससे बड़ा संतोष क्या हो सकता है। जिसकी मिट्टी और जिसकी हवाओं ने मुझे कभी पाला-पोसा था। उसकी सेवा का सौभाग्य मिलने से बड़ा पुण्य क्या हो सकता है। मैं ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से केदारनाथ धाम पर चल रहे काम को देखता रहता था। बर्फबारी के बीच भी बाबा केदारनाथ धाम में चल रहा काम नहीं रुका। मोदी ने कहा कि जो कल्याण करे, वही शंकर है। शंकराचार्य का पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वे जनसाधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे।