Fri. Nov 22nd, 2024

कवि चंदेल साहिब की एक रचना, हे शारदे मां…

चंदेल साहिब
हिमाचल प्रदेश
——————————–

माँ शारदे वंदना
——————————

हे शारदे माँ हे शारदे माँ,
ज्ञान का हमको वरदान दे।
नफ़रत के छाए अंधेरे को,
सबके दिलों से दूर कर दे।

करूणामयी हंसवाहिनी माँ,
मन में सबके करुणा भर दे।
हाथ पकड़कर हम सब का,
भव सागर से तू पार कर दे।

जगमग जगमग जग चमके,
झोली ख़ुशियों से तू भर दे।
मन से मोह माया निकाल कर,
निःस्वर्थ प्रेम दिलों में भर दे।

हर पल तेरा गुणगान करे माँ,
वीणावादिनी हमें वरदान दे।
नवल विजय का उत्थान मिले,
हंस-वाहिनी माँ हमें तार दे।

साहिब को नित अपना प्यार,
निज़चरण में थोड़ा स्थान दे।
श्रद्धा विश्वास हर पल बढ़े,
चंदेल पर एक उपकार कर दे।

हे शारदे माँ हे शारदे माँ,
ज्ञान का हमको वरदान दे।
———————————————–
सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रकाशित…..21/12/2020
नोट: 1. उक्त रचना को कॉपी कर अपनी पुस्तक, पोर्टल, व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्विटर व अन्य किसी माध्यम पर प्रकाशित करना दंडनीय अपराध है।

2. “शब्द रथ” न्यूज पोर्टल का लिंक आप शेयर कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *