कवि सुनील शर्मा के शब्द देश ने नाम… हिंद के लिखूं नाम अपनी जवानी, मैंने लिखी बस यही है कहानी
सुनील शर्मा
गुरुग्राम, हरियाणा
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हिंद के लिखूं नाम अपनी जवानी
मैंने लिखी बस यही है कहानी
खौला लहू मेरा सुन ले दुश्मन
तेरे सीने पर गाडू अपनी निशानी
मैंने लिखी बस यही है कहानी
टुकड़ों पर पलता है दूजों के तू
लेने ना दूंगा एक चुल्लू भी पानी
मैंने लिखी बस यही है कहानी
मेरा वतन है मेरी आबरू
मेरी जिंदगी है इसकी दीवानी
मैंने लिखी बस यही है कहानी
छेड़ेगा मुझको तो जीने ना दूंगा
खत्म कर दूंगा मैं तेरी रवानी
मैंने लिखी बस यही है कहानी
सपोले तू अपनी हद में ही रहना
मिट्टी में मिला दूंगा तेरी जिंदगानी
मैंने लिखी बस यही है कहानी
जय हिंद जय भारत वंदे मातरम