Fri. Nov 22nd, 2024

धर्मेन्द्र उनियाल “धर्मी” … जलवा धामी का, है जलवा धामी का …

धर्मेन्द्र उनियाल “धर्मी”


——————————————————

घर से निकले करने को कुछ,
जनता का कम करने को दुःख।
संस्कारों पर जमे रहे तुम ,
मन है तुम्हे सलामी का।।

जलवा धामी का, है जलवा धामी का।।

त्युनी से चंपावत तक,
रुड़की से वरुणावत तक।
गोपेश्वर से गूंज रहा यही,
शर्मा – नेगी रावत तक।।

जलवा धामी का, है जलवा धामी का।।

पांच बद्री , पांच केदार,
हल्द्वानी से हरि का द्वार।
नैन बाग से नैनीताल तक,
चर्चा यही है , यही पुकार।।

जलवा धामी का, है जलवा धामी का।।

किच्छा बोले खटीमा चाहे,
रूद्रप्रयाग की जनता गाए।
जुंबा जुबां पर पिथौरागढ़ की,
माणा और नारायण बगड़ की।।

जलवा धामी का, है जलवा धामी का।।

गैर सैंण की अधूरी आशा,
पूरी करेंगे हर अभिलाषा।
रानीखेत का विश्वास यही है,
दून बोले बस यही सही है।।

जलवा धामी का, है जलवा धामी का।।

काम किया है काम करेंगे,
उत्तराखंड का नाम करेंगे।
जन जन का संकल्प यही है,
धामी का विकल्प नहीं है।।

जलवा धामी का, है जलवा धामी का।।

फैसला अब भी आगामी होगा,
बस नेता अपना धामी होगा।
गंगोत्री से यमनोत्री तक,
विधायक से मुख्यमंत्री तक।।

जलवा धामी का , है जलवा धामी का।।

मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *