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देश के मशहूर कवि/शाइर डॉ चेतन आनंद की एक ग़ज़ल … दर्द भी महसूस करके देखिये

डॉ चेतन आनंद
गाज़ियाबाद


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ग़ज़ल

दर्द भी महसूस करके देखिये।
ज़िन्दगी महसूस करके देखिये।

पहले अश्क़ों में इसे नहलाइये,
फिर खुशी महसूस करके देखिये।

माँ की बातों की नहीं, आँखों की भी,
कुछ नमी महसूस करके देखिये।

क्या रखा है इस दिखावे में भला,
सादगी महसूस करके देखिये।

देखना चलकर वो खुद आ जायेगा,
बस कमी महसूस करके देखिये।

 

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