काव्य साहित्य दल बादल की राजनीति पर कवि जीके पिपिल की चुटकी … उनकी नज़र से उनके दिल से दूर होकर निकले January 27, 2022 admin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————————– उनकी नज़र से उनके दिल से दूर होकर निकले उनकी साँस घोटु घुटन से मजबूर होकर निकले। अपने ही सँवारे हुये घरोंदे से भला कौन भागेगा ग़नीमत है निकले तो भले ही चूर होकर निकले।। Tags: काव्य, राजनीति, साहित्य Continue Reading Previous उत्तराखंड में आज मिले 3893 नए पॉजिटिव मरीज, 06 की मौतNext दल बादल की राजनीति पर कवि जीके पिपिल की चुटकी … कल के किशोर में कितनी जान अभी बाकी है.. More Stories national उत्तराखण्ड साहित्य रजनीश त्रिवेदी आलोक को मिला जबलपुर में “क्रांतिवीर पं विद्यासागर शर्मा सम्मान” November 26, 2025 Shabdradh national साहित्य जयपुर में मुंशी प्रेमचंद सम्मान से भावनगर के प्रफुल्ल पंड्या ‘पागल फ़क़ीरा’ सम्मानित November 17, 2025 Shabdradh national उत्तराखण्ड देहरादून साहित्य परवाज-ए-अमन ने साहित्यकार वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ” को किया सम्मानित November 14, 2025 Shabdradh Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.