कवि हरीश कंडवाल ‘मनखी’ की एक रचना… हिन्दुस्तान जिस देश का नाम वहां भी हिंदी दिवस
हरीश कंडवाल ‘मनखी’
देहरादून, उत्तराखंड
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हिंदी दिवस
हिन्दुस्तान जिस देश का नाम
वहां भी हिंदी दिवस
मनाया जाता है
बोली भाषा के नाम पर
राज्य बनाया जाता है
भारत होकर भी
इंडिया लिखा जाता है।
जिस देश मे न्याय की
दलीलें फिरंगी में दी जाती हो
जिस देश का न्याय
अंग्रेजी में सुनाया जाता हो
जँहा फिल्में हिंदी की हो
बात मन की अंग्रेजी में
बतायी जाती हो।
अपने देश में जब हिंदी बोलने में
अपने ही तौहीन समझते हो
सोशल मीडिया में रोमन में
अपना परिचय लिखते हो
खुद को हिंग्लिशतानी मानते हो
जँहा परीक्षा भी विदेशी भाषा मे होती हो।
ऐसे देश मे हिंदी दिवस
मनाना गुनाह नही
क्योकि एक दिन तो दिवस के
नाम पर इज्जत मिल जाती है
शिष्टाचार तो अंग्रेजी से आती है।
आज हिंदुस्तान में हिंदी दिवस है,
हिन्दुस्तानियो को हिंदी में शुभकामनाएं
भाषा तो मन के मिश्रीत भाव है
उसके लिये क्या करनी याचनाये
फिर भी आप सभी को
हिंदी दिवस कि शुभकामनाये।।