हरीश कण्डवाल “मनखी” की कलम से… बेखबर मत रहो
हरीश कण्डवाल “मनखी” की कलम से
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बेखबर मत रहो
दुनिया की हर खबर रखकर
सबका सलाहकार बनकर
हर विषय का जानकार बनकर
अपने घर से बेखबर मत रहो।
महंगे रेस्टोरेंट में खाकर
एसी कमरो में बैठकर
ऑलीशान गाड़ी में घूमकर
इस धरती से बेखबर मत रहो।
परमाणु बम के हथियार बनाकर
दुनिया को अपनी शक्ति से डराकर
झूठी शान को अपनी दिखाकर
प्रकृति की ताकत से बेख़बर मत रहो।
सत्ता की हनक जताकर
कमजोरों को हड़काकर
झूठी शेखी बघारकर
वक्त की मार से बेखबर मत रहो।
चढ़ती उम्र की धौस बताकर
धन ऐश्वर्य को ढाल बनाकर
दुसरो को कम आंककर
नश्वर शरीर से बेखबर मत रहो।
©®@ हरीश कण्डवाल “मनखी “की कलम से