Thu. Nov 21st, 2024

कवि जसवीर सिंह हलधर का ग़ज़ल संग्रह ‘पेट का भूगोल’ लोकार्पित

-संस्कार गार्डन रिंग रोड देहरादून में आयोजित किया गया लोकार्पण समारोह व कवि सम्मेलन।

कवि जसवीर सिंह हलधर को सम्मानित करते डॉ बुद्धिनाथ मि व अर्जुन सिसौदिया

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। कवि जसवीर सिंह हलधर के ग़ज़ल संग्रह ‘पेट का भूगोल’ का लोकार्पण ख्यातिलब्ध साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र सहित देश के प्रतिष्ठित कवियों ने किया। संग्रह में 111 ग़ज़ल हैं और इसे केबीएस प्रकाशन दिल्ली ने प्रकाशित किया है।

हास्य कवि महेंद्र अजनबी को सम्मानित करते वीरेंद्र डंगवाल पार्थ, राजेश जैन व संजय कुमार शाफी

संस्कार गार्डन रिंग रोड देहरादून में आयोजित लोकार्पण समारोह व कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि जसवीर सिंह हलधर का ग़ज़ल संग्रह एक नया प्रयोग है, जो इसे विशिष्ट बनाता है। पाठक जरूर उनके इस संग्रह की पसंद करेंगे। उन्होंने लोकार्पित ग़ज़ल संग्रह से अपनी पसंदीदा पंक्तियां भी सुनाई।

कवि अर्जुन सिसौदिया को सम्मानित करते डॉ राजीव शर्मा आधार व अफजल मंगलौरी

डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि काव्य की आत्मा छंद है। जब काव्य से छंद गायब हुए तो काव्य बेजान हो गया, प्रभावहीन हो गया। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि अब कवि छंद की ओर लौट रहे हैं। विशेषकर युवा पीढ़ी छंद लिख रही है, यह सुखद है। देहरादून में भी कई लोग छंद लिख रहे है। यह साहित्य के लिए विशेषकर काव्य के लिए शुभ और सुखद है।

जसबीर सिंह हलधर ने कहा कि उनका ग़ज़ल संग्रह पेट का भूगोल ग़ज़ल के पारंपरिक ढांचे से अलग है। इसमें संकलित ग़ज़ल तेवर के साथ अपनी बात कहती हैं। यह पाठकों को कितना पसंद आता है, इसका इंतजार है। लोकार्पण के बाद कवि सम्मेलन में कवियों ने खूब रंग जमाया। डॉ बुद्धिनाथ मिश्र का 50 साल पहले लिखा गीत ‘एक बार और जाल फेंक रे मछेरे’ खूब पसंद किया गया। वहीं, अर्जुन सिसौदिया के भगवान राम पर लिखे ‘सवैया’ के पाठ ने कवि सम्मेलन को चरम ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया, तो हास्य सम्राट महेंद्र अजनबी को हास्य कविताओं ने श्रोताओं को लोटपोट कर दिया।

शाइर अफजल मंगलौरी ने शानदार काव्यपाठ कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। उनके गीत/ ग़ज़लों की खूब पसंद किया गया। मेरठ से आई डॉ शुभम त्यागी की ग़ज़ल ने समारोह को प्रेममय बना दिया तो डॉ सौरभ कांत शर्मा, डॉ रामोद चिरौरा व डॉ सुरेश चिरौरा के काव्यपाठ ने लोगों का मन मोह लिया। देहरादून के प्रतिष्ठित व्यवसायी अशोक कुमार विंडलास ने भी शानदार रचना का पाठ किया। केबीएस प्रकाशन के संजय कुमार शाफी ने भी बहुत सुंदर ग़ज़ल कही। इससे पूर्व कवि महिमा शर्मा की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। उन्होंने जसवीर सिंह हलधर के लोकार्पित संग्रह से एक ग़ज़ल का पाठ भी किया। कार्यक्रम का संचालन ओज के प्रतिष्ठित कवि श्रीकांत श्री ने किया।

लोकार्पण समारोह में शाइर अंबर खरबंदा, डॉ नीलम प्रभा वर्मा, कवि वीरेंद्र डंगवाल पार्थ, नदीम बरनी, वंदिताश्री, डौली डबराल, डॉ राजीव शर्मा आधार, शादाब अली, धर्मेन्द्र उनियाल धर्मी, डॉ सोमेश बहुगुणा, अवनीश मलासी, सागर डंगवाल आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *