Sat. Nov 23rd, 2024

कवि जसवीर सिंह हलधर की एक रचना.. लड़ रही इस रोग से दुनियां थकी है

जसवीर सिंह हलधर
देहरादून, उत्तराखंड
—————————————

गीत – महामारी( कोरोना )
——————————————

लड़ रही इस रोग से दुनियां थकी है।
विश्व भर की आश भारत पर टिकी है।।

रोम इटली चीन भी तो लुट चुके हैं।
पक्षियों के घोंसले तक मिट चुके हैं।
देख लो क्या हाल है ईरान का भी,
होंसले अमरीकियों के घट चुके हैं।।

धैर्य का परिचय दिया है खूब हमने।
आश पर विश्वास की चादर बिछी है।।1

मानवी गति और विधियां चंद कर दीं।
आपसी मिलने की रश्में बंद कर दीं।
बिन दिखे ही डस रहा था नाग सबको,
पूंछ इसकी मोड़कर गति मंद कर दीं।।

सावधानी से रहे तो बच सके हैं।
सभ्यता इस विश्व की हमसे सिंची है।।2

मौत से हमने लड़ी सीधी लड़ाई।
बंदिशें खुद पर रखी हैं रोज भाई।
यज्ञ में समिधा सरीखा दान था ये,
तब बचे हैं बाप बूढे और माई।।

अनगिनत लाशें बजुर्गों की जली हैं।
मौत की यह चाल भारत में झुकी है।।3

आ गयी है लो दवाई अब मरेगा।
विज्ञान के अन्वेष से अब ये डरेगा।
कारखानों में दवा निर्माण जारी,
रोग कोरोना हमारा क्या करेगा।।

जब बुलावा हो तभी ले लें दवाई।
रोग की “हलधर” अभी भी टकटकी है।।4

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *