कवि जसवीर सिंह हलधर की का गीत, देश की खातिर सँभल जाओ अभागो..
जसवीर सिंह हलधर
देहरादून, उत्तराखंड
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गीत -सँभल जाओ अभागो
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केतु के सम्मान का तो ध्यान राखो।
देश की खातिर सँभल जाओ अभागो।।
आचरण इतना अपावन मत दिखाओ।
आवरण माँ भारती का मत हटाओ।
हो सके तो आदमी बनकर दिखा दो,
चैनलों पर बैठ यूँ गोले न दागों ।।
देश की खातिर सँभल जाओ अभागो।।1
खाक बनकर रह न जाये घर तुम्हारा।
देखकर हरक़त बढ़ा चिंतन हमारा।
कर रहे हो काम क्यों नैतिक पतन का,
सभ्यता की ओर लौटो और जागो ।।
देश की खातिर सँभल जाओ अभागो।।2
मानते जो द्वेष से मरता न कोई।
देख लो अमरीकीयों की नींद खोई।
धर्म का पर्दा हटा लो सामने से,
ज्ञान का दीपक जला अज्ञान त्यागो।।
देश की खातिर सँभल जाओ अभागो।।3
वक्त से पहले सगों को मत सुलाओ।
मौत के कारक घरों में मत छुपाओ।
जो कनाडा में लिखा झुठला रहे क्यों?
मौत के सौदागरों से दूर भागो।।
देश की खातिर सँभल जाओ अभागो।।4