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बेटी दिवस पर विशेष:  सुलोचना परमार “उत्तरांचली” की गढ़वाली कविता …

सुलोचना परमार”उत्तरांचली”
देहरादून, उत्तराखंड

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बेटी (बालिका) दिवस

आज का दिन ही भारत म
इंदिरा गांधी तैं प्रधानमंत्री बनाई
नारी शक्ति का रूप म हमन यू
राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाई।

क्वी फोड़ना ढीका यख फुंड
क्वी त हाळ लगाणी छन
गोरु भैंसा पालि क्वी त
अपणु परिवार चलाणी छन।

सुबेरे गईं स्या रुमुक म औंदी
बण बिटी घास गडोली ल्हेकि
फिर भी हँसदी रौंदी हरदम
स्कूल मा भी अब्बल ऐकी।

कई किलोमीटर पैदल चलि कि
अपना स्कूल म जांदी वा
खेलु म भी नौ कमैं की
पढ़े म फस्ट भी आंदि वा।

अपना हुनर से ई बेटी त
दुनियाँ म नौ त कमोणी छन
हर क्षेत्र म अग्ने बढ़ी की
आसमान म उड़णी छन।

बेटी ज्वाल्पा, बेटी ही नन्दा
बेटी ही धारी देवी छन
बेटी दुर्गा, बेटी लक्ष्मी
बेटी ही तीलू रौतेली छन।।

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