कवियित्री तारा पाठक की एक बाल कविता… मेंढकी रानी, मेंढकी रानी कहो कहाँ से आई हो..
तारा पाठक
कवियित्री/समाजसेविका
वर्सोवा मुंबई, महाराष्ट्र
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मेंढकी रानी, मेंढकी रानी
कहो कहाँ से आई हो।
छोटे-छोटे पैरों वाली
तोंद बड़ी फुलाई हो।
उछल कूद करती हो
तुम बच्चों को बड़ा भाती हो।
टर्र-टर्र कर वर्षा ऋतु में
बादल राग सुनाती हो।
जब सन जाती कीचड़ में
डुबकी पानी में लगाती हो।
नहाने से होती निरोगी काया
स्वच्छता का पाठ पढ़ाती हो।
मेढकी रानी, मेढकी रानी
कहो कहाँ से आई हो।
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सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रकाशित…..05/12/2020
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