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करवाचौथ पर कवि/गीतकार वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” के प्रेम पर कुछ माहिया

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ”
देहरादून, उत्तराखंड

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माहिया

1-
मनभावन पुरवाई
मन में आस जगी
कि, याद तेरी आई

2-
हम तेरी यादों में
यार बहुत रोए
रिमझिम बरसातों में

3-
पावन गंगा यमुना
आस लगी तुझसे
उसको कायम रखना

4-
जाना है तो जाओ
हम तो रह लेंगे
खुद को ही समझाओ

5-
तम हो उजियारा हो
हम तो चल देंगे
बस साथ तुम्हारा हो

6-
चंदा उजियारे हो
दूरी बहुत लेकिन
चातक के प्यारे हो

7-
इक ख्वाब सुहाने हो
खबर हमें यारा
तुम भी दीवाने हो

8-
चंदा जब से देखा
हम तो दिल हारे
तुम ही जीवन रेखा

9-
छिप न नहीं पातों में
है जीना मुश्किल
तुझ बिन अब रातों में

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