करवाचौथ पर कवि/गीतकार वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” के प्रेम पर कुछ माहिया
वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ”
देहरादून, उत्तराखंड
—————————————————————–
माहिया
1-
मनभावन पुरवाई
मन में आस जगी
कि, याद तेरी आई
2-
हम तेरी यादों में
यार बहुत रोए
रिमझिम बरसातों में
3-
पावन गंगा यमुना
आस लगी तुझसे
उसको कायम रखना
4-
जाना है तो जाओ
हम तो रह लेंगे
खुद को ही समझाओ
5-
तम हो उजियारा हो
हम तो चल देंगे
बस साथ तुम्हारा हो
6-
चंदा उजियारे हो
दूरी बहुत लेकिन
चातक के प्यारे हो
7-
इक ख्वाब सुहाने हो
खबर हमें यारा
तुम भी दीवाने हो
8-
चंदा जब से देखा
हम तो दिल हारे
तुम ही जीवन रेखा
9-
छिप न नहीं पातों में
है जीना मुश्किल
तुझ बिन अब रातों में