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कवि वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” के दो छंद…

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ”
देहरादून, उत्तराखंड
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स्वतंत्रता दिवस पर मां भारती को समर्पित…. घनाक्षरी छंद

1-

धड़के है दिल मात भारती के नाम से ही
देश भावना का यश गान लिख दीजिए।

भिन्न-भिन्न बोली-भाषा आरती-अज़ान यहां
लहराते तिरंगे की शान लिख दीजिए।

जन्मभूमि भारत का कण-कण पावन है
गंगा-यमुना का स्वाभिमान लिख दीजिए।

कश्मीर से कन्या कुमारी तक है राष्ट्र एक
सबके दिलों पे हिंदुस्तान लिख दीजिए।।

2-

पावनी मां भारती के आंचल की छांव मिली
कम नहीं मानिए ये किसी वरदान से।

आराधक हैं जी हम बरगद पीपल के
सनातन परम्परा में जीते सम्मान से।

सीख दी थी दुनिया को सदियों ही पहले जी
परिचित अपने हैं पुरखों के ज्ञान से।

पीढ़ी दर पीढ़ी रखी संजोकर माटी यह
गाइए तिरंगे वाला गान आज शान से।।

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