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ऊर्जा निगम के 3500 कर्मचारी हड़ताल पर, कहा.. अधिकारियों की नीति व नीयत साफ नहीं

-उत्तराखंड ऊर्जा निगम के लगभग 3500 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए है। पिछले 20 जुलाई को एक दिन के सांकेतिक कार्य बहिष्कार के बाद कर्मचारियों ने 27 जुलाई से बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। लेकिन, घोषणा के बाद भी विभाग के अधिकारी मौन रहे, ऐसे में रात 12 बजे से तीनों निगमों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तराखंड ऊर्जा निगम के 3500 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए है। गत 20 जुलाई को कर्मचारियों ने एक दिन का सांकेतिक कार्य बहिष्कार किया था। उस दिन कर्मचारियों ने घोषणा की थी कि यदि उनकी पर कार्रवाई नहीं की गई तो वह 27 जुलाई से बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। लेकिन, घोषणा के बाद भी विभाग के अधिकारी मौन रहे, ऐसे में रात 12 बजे से तीनों निगमों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों यूपीसीएल, यूजेवीएनएल व पिटकुल में कार्यरत सभी कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं।

कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद मुख्य सचिव व सचिव ऊर्जा से आनन फानन में वार्ता के कई दौर चले। लेकिन, बातचीत का कोई नतीजा निकला। सरकार और कर्मचारी संघ में सहमति न बन पाने के कारण ऊर्जा कर्मियो ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। कर्मचारियों का आरोप है कि शासन में अधिकारियों का रवैया बहुत खराब रहा। बैठक में सहमत होने के बाद मिनट्स में बार-बार परिवर्तन करने से बिगड़ी बात। उन्होंने का की कर्मचारियों के प्रति अधिकारियों की नीति व नीयत साफ नहीं है।र्मचारियों की मांग है कि नियमित/संविदा/पेंशनरों को ACP की पूर्ववर्ती व्यवस्था 9-14-19 व पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिले। संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण व समान वेतन की मांग सहित 14 सूत्री मांग कर्मचारियों की है।

 

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