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शिक्षकों को पदोन्नति से नुकसान, निदेशालय मौन

देहरादून। सूबे के इंटर कालेजों में प्रवक्ता पद पर पदोन्नति में शिक्षकों को नुकसान होने का आरोप लगा है। इस आरोप पर फिलहाल शिक्षा निदेशालय मौन है। वहीं, राजकीय शिक्षक संघ ने तीखे तेवर दिखाते हुए आंदोलन की धमकी दी है।
एलटी शिक्षकों की प्रवक्ता पद पर पदोन्नति होनी है। पदोन्नति काउंसलिंग के माध्यम से होना तय किया गया है। पदोन्नति प्रकिया शुरू हो, इससे पहले ही पदों को लेकर विवाद हो गया है। दरअसल, प्रवक्ता संवर्ग के कुछ रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। अब विभाग उन पदों को खाली नहीं मान रहा है। उन पदों के अतिरिक्त जो खाली पद हैं, उन्हीं पर पदोन्नति के निर्देश हुए हैं। इससे शिक्षकों में आक्रोश है। उनका कहना है कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति स्थाई नहीं है, उनके नियुक्ति पत्र में साफ लिखा गया है कि उनकी नियुक्ति नितांत अस्थाई है। इसलिए उन पदों को खाली मानते हुए उन पदों को भी पदोन्नति प्रक्रिया में शामिल किया जाए। राजकीय शिक्षक संघ ने भी अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त न मानने पर विरोध जताया है। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि इन पदों को रिक्त न मानने से पदोन्नति के साथ ही तबादलों में स्थाई शिक्षकों को नुक़सान होगा। संघ के पदाधिकारियों ने मामले में आंदोलन के साथ ही कोर्ट की शरण लेने पर विचार करने का प्रस्ताव भी रखा है। दूसरी तरफ, माध्यमिक अपर शिक्षा निदेशक आरके उनियाल का कहना है कि अतिथि शिक्षकों के पदों को खाली मानने के मामले में नियमावली का अध्ययन किया जाएगा, उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा।

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