फीस में देरी पर बच्चे को नहीं निकलेंगे स्कूल, सरकारी कर्मचारियों को समय से देनी होगी बच्चे की फीस
-शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडेय ने निजी स्कूलों की फीस के संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आज निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि निर्देशों का पालन कराया जाए, ऐसा न करने की दशा में कार्रवाई की जाएगी।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। कोरोना काल में आर्थिक तंगी के कारण समय पर फीस जमा न कर पाने वाले अभिभावकों के बच्चों की स्कूल बाहर नहीं करेगा। साथ ऑनलाइन क्लास चलाने वाले स्कूल मात्र ट्यूशन फीस ही लेंगे। अन्य मदों किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा, यदि कोई विद्यालय ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मद में फीस लेता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडेय ने आज इसके आदेश जारी किए है। वहीं, महानिदेशक ने आदेश में कहा है कि सरकारी व अर्द्ध सरकारी अधिकारी कर्मचारी नियमित रूप से फीस देंगे।
महानिदेशक शिक्षा विनय शंकर पांडेय ने निजी स्कूलों की फीस के संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि निर्देशो का पालन कराया जाए, ऐसा न करने की दशा में कार्रवाई की जाएगी।
-मात्र ऑनलाइन/अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण कराने वाले निजी विद्यालयों को विद्यालय बंद रहने की अवधि में मात्र शिक्षण शुल्क (Tuition Fees) लेने की अनुमति होगी। अन्य किसी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जायेगा।
-ऑनलाईन/अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण का लाभ लेने के बावजूद भी फीस देने में असमर्थ अभिभावक कारण का उल्लेख करते हुये विद्यालय के प्रधानाचार्य/प्रबन्ध समिति से फीस जमा करने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध कर सकते हैं। किसी भी परिस्थिति में छात्रों को फीस देर से जमा के कारण विद्यालय से बाहर नहीं किया जायेगा।
-कोविड-19 के संक्रमण से रोकथाम के लिए विद्यालयों के बंद रहने के अवधि में जिन सरकारी/अर्द्धसरकारी अधिकारी/कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन मिल रहा है। वह नियमित रूप से निर्धारित शिक्षण शुल्क (Tuition Fees) जमा करवाएंगे।
बढ़ा हुआ शिक्षण शुल्क लेने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
महानिदेशक ने मुख्य शिक्षा अधिकारियों को कहा है कि निर्देश के वाबजूद भी संज्ञान में आया है कि कुछ निजी विद्यालयों ने खेल व कम्प्यूटर आदि की फीस को शिक्षण शुल्क में शामिल कर लिया है। उक्त मद को शिक्षण शुल्क जोड़ना अनुचित और निर्देशों का उल्लंघन है। ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर जांच करें। जो विद्यालय विभिन्न मदों के शुल्क को शिक्षण शुल्क में शामिल कर बढ़ा हुआ शिक्षण शुल्क ले रहे हैं, उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें और कार्रवाई से महानिदेशालय को अवगत कराएं।