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अतिक्रमण हटाने में सरकारी सुस्ती पर उठने लगे सवाल

देहरादून: अतिक्रमण हटाने में सरकारी सुस्ती पर अब सवाल उठने लगे हैं। हटाए गए अतिक्रमण से प्रभावित हुए लोग प्रशासन पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगा रहे हैं। खासकर प्रेमनगर, राजपुर रोड और पलटन बाजार में लाल निशान लगाने के बाद कार्रवाई में हर दिन की बहानेबाजी की जा रही है।

राजधानी में सड़क, नाली फुटपाथ और सरकारी जमीनों तक अतिक्रमण बढऩे पर हाईकोर्ट ने 18 जून को कार्रवाई के आदेश दिए। इस मामले में शुरूआती ढील के बाद प्रशासन ने 27 जून से अभियान शुरू किया। हरिद्वार रोड, सहारनपुर रोड और चकराता रोड पर शुरुआत में तेजी से अभियान चला। यहां बड़ी संख्या में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। मगर, अब टास्क फोर्स की कार्रवाई धीमी पड़ने लगी है।

स्थिति यह है कि रविवार को रिस्पना पुनर्जीवन के पौधरोपण के चलते अवकाश रखा गया। सोमवार को शहर में धरना-प्रदर्शन के चलते फोर्स की कमी होने से अभियान शुरू नहीं हो पाया। दोपहर बाद बारिश हुई तो अभियान स्थगित हो गया।

इसी तरह राजपुर रोड, पलटन बाजार, प्रेमनगर बाजार में 27 जून से लाल निशान लगने शुरू हो गए थे। यहां कुछ लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटा दिया। मगर विरोध-प्रदर्शन के डर से टास्क फोर्स को कार्रवाई से पीछे हटना पड़ रहा है। शुरूआत में चार जोन में चार टीमें बनाई गईं, जो धीरे-धीरे दो हो गईं।

अब पांच सीनियर पीसीएस भी तैनात किए गए। ऐसे में सरकारी मशीनरी की फौज खड़ी है, मगर कार्रवाई की रफ्तार हर दिन सुस्त पड़ती जा रही है। उधर, अभी तक हुई कार्रवाई से प्रभावित लोग सीधे दोहरी नीति का आरोप लगा रहे हैं। कई लोग सरकार के इशारे पर कार्रवाई को ढीली करने तो कुछ विधायकों के दबाव में आने की बात कह रहे हैं।

26 तक कोर्ट में देनी है रिपोर्ट 

हाईकोर्ट ने सार्वजनिक सड़कों से 28 दिन के भीतर अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। 28 जून से शुरू हुए अभियान को 26 जुलाई को 28 दिन पूरे होंगे। मगर, अभी अतिक्रमण 60 फीसद तक हट पाया है। हाईकोर्ट ने पलटन बाजार, राजपुर रोड, प्रेमनगर आदि कई इलाकों को अपने ऑडर में मेंसन करते हुए अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। मगर, वहां कार्रवाई शुरू नहीं हुई है।

प्रेमनगर में व्यापारियों ने किया हवन 

अतिक्रमण अभियान के खिलाफ प्रेमनगर के व्यापारियों ने सोमवार को सामूहिक हवन किया। इस दौरान व्यापारियों ने लोगों के घर और व्यवसाय उजाडऩे का विरोध किया है। कहा कि लोगों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो जाएगा। ऐसे में भगवान की शरण में जाते हुए व्यापारियों ने अफसरों को सद्बुद्धि की कामना की है।

व्यापार मंडल अध्यक्ष राजीव पुंज ने कहा कि व्यापारियों पर एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया जाएगा। इस मामले में लिखित में पहले ही दिया जा चुका है।

विदेश भ्रमण पर टास्क फोर्स अध्यक्ष 

हाईकोर्ट के आदेश पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने टास्क फोर्स गठित करते हुए अध्यक्ष की जिम्मेदारी एमडीडीए के वीसी आशीष श्रीवास्तव को दी थी। मगर, अध्यक्ष पहले अवकाश और अब विदेश यात्रा पर ब्राजील चले गए। इससे भी अभियान की रफ्तार प्रभावित हुई है। उनकी जगह जिलाधिकारी मुरूगेशन को जिम्मेदारी दी गई है।

समय पर पेश होगी रिपोर्ट 

अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के अनुसार अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हाईकोर्ट में समय पर रिपोर्ट पेश की जाएगी। इसी दौरान शेष अतिक्रमण हटाने के लिए समय मांगा जाएगा। अफसरों को पहले से ही कार्रवाई में किसी भी तरह की ढील न बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

पहले की तर्ज पर चलेगा अभियान 

जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने कहा कि फोर्स की कमी और बारिश के चलते सोमवार को अभियान नहीं चल पाया। आगे अभियान पहले की तर्ज पर चलेगा। प्रेमनगर, राजपुर रोड और पलटन बाजार में भी अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है।

हम पूरी तरह से जनता से साथ 

रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के अनुसार सरकार का निर्णय जो भी हो, वह अलग बात है। हम पूरी तरह से जनता के साथ हैं। लोगों को धैर्य रखने तथा जनप्रतिनिधियों पर भरोसा बनाए रखने को कहा है। लोगों को संगठित किया जा रहा है। सड़क का अतिक्रमण हटाना ठीक है। मगर, गरीबों की बस्तियां उजाड़ने का अधिकार किसी को नहीं है।

मलिन बस्तियों के लिए सड़क पर सियासत

शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान की जद में आ रहे मलिन बस्तियों के तकरीबन 11 हजार अवैध भवनों को बचाने की खातिर कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दल सड़क पर उतर आए। कांग्रेस ने जहां बस्तीवासियों के संग नगर निगम का घेराव किया तो बसपा और जन सेवा पार्टी ने परेड ग्राउंड से भीड़ को साथ लेकर सचिवालय कूच किया।

प्रदर्शन की इस दौड़ में आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं रही और ब्राह्मणवाला में धरना दिया। कांग्रेस ने 28 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास घेरने का एलान किया है।

अतिक्रमण पर हाईकोर्ट के आदेशानुसार नगर निगम ने 129 मलिन बस्तियों के 11 हजार अवैध भवनों को तोड़ने का नोटिस जारी किया है। इसके विरोध में राजपुर के पूर्व विधायक राजकुमार के नेतृत्व में बड़ी तादाद में कांग्रेसी व बस्तीवासी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नगर निगम में पहुंचे।

यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना और पूर्व दर्जाधारी अशोक वर्मा भी निगम पहुंचे व संयुक्त रूप से नगर आयुक्त विजय जोगदंडे को ज्ञापन दिया। प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट की आड़ में बस्तियों को उजाड़ना चाह रही, जो कांग्रेस किसी सूरत में होने नहीं देगी।

बसपा और जनसेवा पार्टी का सचिवालय कूच  

वहीं, बसपा और जनसेवा पार्टी ने परेड ग्राउंड से संयुक्त रूप से सचिवालय कूच किया। पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। बसपा जिलाध्यक्ष सत्यपाल ने कहा कि बस्तियों को उजाड़े जाने पर रोक लगाकर सरकार को न्यायालय में पक्ष पेश करना चाहिए। जनसेवा पार्टी के संस्थापक जगराम सिंह ने कहा कि बस्ती में दशकों से लोग स्थायी रूप से रह रहे। इनके भवन तोड़कर इन्हें बेघर न किया जाए।

उधर, आप ने ब्राह्मणवाला में सामूहिक उपवास कर विरोध जताया। आप जिलाध्यक्ष उमा सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की सरकार ने 230 बस्तियों को मालिकाना हक दिया है, जबकि उत्तराखंड में सरकारों ने केवल लोगों को धोखा दिया।

भाजपा विधायक भी नहीं पीछे

हाईकोर्ट के फैसले पर टूट रहे अतिक्रमण के खिलाफ सड़क पर उतरने वालों नेताओं में भाजपा विधायक भी पीछे नहीं। प्रेमनगर के बाद रायपुर, सहस्रधारा रोड, काठबंगला समेत शेष बस्तियों को बचाने में विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी और उमेश शर्मा काऊ ने पूरा जोर लगाया हुआ है।

कपूर ने सोमवार को भी न्यू पटेलनगर, गांधीग्राम व आजाद कालोनी समेत गोविंदगढ़ में भ्रमण किया और आश्वासन दिया कि बस्तियों के लिए वह हर लड़ाई लड़ने को तैयार रहेंगे। कपूर ने कहा कि वे किसी का घर टूटने ही नहीं देंगे।

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