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सांसदी जाने के बाद बोले राहुल: भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं, हर कीमत चुकाने को तैयार

2019 में मोदी उपनाम को लेकर राहुल गांधी की ओर से की गई टिप्पणी के मामले में गुरुवार को सूरत की अदालत ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन का समय दिया है।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद से अपनी सदस्यता रद किए जाने के बाद प्रतिक्रिया दी है। राहुल ने ट्विटर पर लिखा कि मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं। गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता शुक्रवार को रद कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। राहुल को गुरुवार को सूरत की अदालत ने मोदी उपनाम से जुड़े मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाई थी।

कोर्ट ने राहुल गांधी को धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन का समय दिया है। साथ ही उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी।

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।

कोर्ट ने इस अधिनियम की धारा 8 (4) को असंवैधानिक करार दिया था। इस प्रावधान के अनुसार आपराधिक मामले में (दो साल या उससे ज्यादा सजा के प्रावधान वाली धाराओं के तहत) दोषी करार किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को उस सूरत में अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता था। यदि उसकी ओर से ऊपरी न्यायालय में अपील दायर कर दी गई हो यानी धारा 8 (4) दोषी सांसद/विधायक को अदालत के निर्णय के खिलाफ अपील लंबित होने के दौरान पद पर बने रहने की छूट देती थी।

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