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सिर मुंडवाकर रैगिंग: कोर्ट ने जवाब के लिए प्रिंसिपल को दिया आखिरी मौका

-सच्चिदानंद डबराल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 27 छात्रों का सिर मुंडवाकर कर रैगिंग की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि कॉलेज के वायरल वीडियो में 27 छात्र एक लाइन में हाथ पीछे की ओर किए हुए चल रहे हैं। उनके सिर मुंडे हुए हैं। एक गार्ड उनके पीछे तालिबानी तरीके से चल रहा है।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के 27 छात्रों की रैगिंग मामले में हाईकोर्ट ने कॉलेज के प्राचार्य को आखिरी मौका देते हुए 20 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने इससे पूर्व प्रिंसिपल से 23 मार्च को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल से पूछा था  कि 18 मार्च को जिन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, वह किस आधार पर किया गया। कोर्ट ने सप्ताह के भीतर शपथ पत्र पेश करने का आदेश देते हुए 30 मार्च को सुनवाई की तिथि तय की थी। लेकिन, 30 मार्च को प्रिंसिपल ने जवाब नहीं दिया।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने समाचार पत्रों में छपी खबर का भी संज्ञान लिया, जिसमें कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि रैगिंग करने वाले छात्रों पर जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने सरकार से इस पर भी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।

सीसीटीवी कैमरों को ठीक करवाया

23 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को आदेश दिए थे कि कॉलेज के सभी परिसरों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं और खराब कैमरों को ठीक कराएं। इस पर बुधवार को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कॉलेज परिसर में स्थापित सभी सीसीटीवी कैमरों को ठीक कराकर उनका संचालन करवा दिया है।

रैगिंग कर 27 छात्रों का सिर मुंडवाया 

पूर्व में कोर्ट ने मामले की जांच के लिए कमिश्नर कुमाऊं व डीआईजी कुमाऊं की दो सदस्यीय कमेटी गठित कर दो सप्ताह के भीतर जांच कर दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। मामले के अनुसार सच्चिदानंद डबराल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 27 छात्रों का सिर मुंडवाकर कर रैगिंग की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि कॉलेज के वायरल वीडियो में 27 छात्र एक लाइन में हाथ पीछे की ओर किए हुए चल रहे हैं। उनके सिर मुंडे हुए हैं। एक गार्ड उनके पीछे तालिबानी तरीके से चल रहा है।

डैंड्रफ और एलर्जी के कारण छात्रों ने मुंडवाए सिर 

याचिका में कहा गया कि समाचार पत्रों में छपी खबर व वायरल वीडियो से पता चलता है कि सभी छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के हैं। प्रथम वर्ष के सभी स्टूडेंट्स को बाल कटवाने के निर्देश इनके सीनियर छात्रों ने दिए। मामले को रैगिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। छात्रों के बाल कटने के मामले में कालेज की ओर से कहा जा रहा था कि डैंड्रफ और एलर्जी के कारण छात्रों ने सिर मुंडवाए हैं। कॉलेज प्रबंधन का कहना था कि उसके पास रैगिंग की कोई शिकायत नहीं है।

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