रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले… नेपाल से रिश्ते टूटने नहीं देंगे
-देहरादून के गुनियाल गांव में आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य धाम के लिए भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार की ओर से चलाई जा रही शहीद सम्मान यात्रा का भी समापन हुआ।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को देहरादून में सैन्य धाम का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी ताकतें भारत-नेपाल के रिश्ते बिगाड़ना चाहती हैं। लेकिन, वे कभी भी अपने इरादों में कामयाब नहीं होंगे। भारत किसी भी सूरत में नेपाल से रिश्ते टूटने नहीं देगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर किसी ने नजर रखी या भारत को आंख दिखाई, तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज से ठीक पचास साल पहले (16 दिसंबर 1971) में पाकिस्तान ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था। इन पचास सालों में भारत मजबूती के साथ खड़ा हुआ है और आत्मनिर्भर भी हुआ है। सिंह ने आश्वासन दिया किया की देश की सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। पहले रक्षा उपकरणों का 65 फीसदी तक आयात होता था। लेकिन, आज हम 72 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के पांचवें धाम ‘सैन्य धाम’ का शिलान्यास और शहीद सम्मान यात्रा का आज समापन किया। देहरादून के गुनियाल गांव में निर्माणाधीन सैन्यधाम के लिए शहीदों के घरों की मिट्टी जुटाने के लिए उक्त यात्रा बीते एक महीने से राज्य के सभी जिलों से होकर गुजरी है। राज्य सरकार ने इसे उत्तराखंड का पांचवां धाम नाम दिया है। सैन्य धाम अगले दो साल में बनकर तैयार होगा।
इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विनोद चमोली, खजानदास, प्रदीप बत्रा, महापौर सुनील उनियाल गामा आदि मौजूद रहे।
सैन्य धाम में होनी चाहिए ऑनलाइन श्रद्धांजलि की व्यवस्था
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार साल पहले पांचवें धाम की बात कही थी। सरकार ने इसे आगे बढाया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सैन्य धाम का निर्माण जल्द पूरा होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है। राज्य के किसी भी हिस्से में चले जाइये वीरता के किस्से सुनाई देते हैं। सीडीएस जनरल बिपिन रावत को याद करते कहा कि वह सदियों तक स्मृति में जिंदा रहेंगे। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन श्रद्धांजलि की व्यवस्था भी सैन्य धाम में होनी चाहिए।
सैन्य धाम के मुख्य गेट का नाम होगा सीडीएस जनरल बिपिन रावत द्वार
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सैन्य धाम के लिए शहीदों के आंगन की मिट्टी जुटाने के लिए गत 15 नवंबर को चमोली के सवाड़ गांव से यात्रा का शुरू हुई थी। बीते एक महीने के दौरान यात्रा राज्य के सभी जिलों व 95 ब्लॉकों से होकर गुजरी। यात्रा के माध्यम से 1734 शहीद परिवारों से सम्पर्क कर, उनके घरों से पवित्र मिट्टी इकट्ठा की गई। इस पवित्र मिट्टी को सैन्य धाम में अमर ज्योति के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा। करीब पचास बीघा जमीन पर बनने वाले सैन्य धाम के मुख्य गेट का नाम पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाएगा। इसमें प्रथम विश्वयुद्ध के बाद शहीद हुए उत्तराखंड के सभी वीर सैनिकों के नाम अंकित होंगे।