दिल्ली में 26 जनवरी: उत्तराखंड के प्रतिनिधि होंगे केदारनाथ मंदिर, मोनाल, कस्तूरी मृग और ब्रह्मकमल
-उत्तराखंड की ओर से राजपथ पर 26 जनवरी की परेड में झांकी प्रदर्शित की जा रही है। झांकी केदारनाथ मंदिर पर आधारित है। उसमें राज्य पुष्प, राज्य पक्षी और राज्य पशु को भी शामिल किया गया है।
देहरादून (dehradun)। नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) (Republic Day pared) परेड के लिए उत्तराखण्ड राज्य की झांकी (Uttrakhand jhanki) का चयन कर लिया गया है। केदारनाथ (kedarnath) पर आधारित झांकी को ‘केदारखंड’ (kedarkhand) नाम दिया गया है। राज्य के लिए यह झांकी इसलिए भी विशेष है क्योंकि केदारनाथ का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा। ऐसे में केदारनाथ पर आधारित झांकी देश के सामने प्रस्तुत करना खास होगा।
सूचना महानिदेशक (dgp information) डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट (Dr meharban Singh bisht) ने बताया कि रक्षा मंत्रालय (difence ministery) से मंत्रणा के बाद उत्तराखण्ड की झांकी को भी गणतंत्र दिवस परेड में स्थान मिला है। राज्य की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय ‘केदारखण्ड’ रखा गया है। झांकी के आगे के भाग में राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग‘, राज्य पक्षी ‘मोनाल’ व राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ होगा। जबकि, पीछे के हिस्से में केदारनाथ मन्दिर परिसर व ऋद्धालुओं को दर्शाया गया है।
झांकी चयन के लिए हुई 5 बैठकें
झांकी के चयन के लिए रक्षा मंत्रालय में आयोजित पांच स्तर की बैठकें हुई। जिनमें विभाग के उपनिदेशक केएस चौहान ने झांकी के थीम, डिजाइन, मॉडल व संगीत आदि का प्रस्तुतिकरण दिया। अब राज्य की झांकी का गणतंत्र दिवस परेड-2021 में अन्तिम रूप से चयन हो गया है।
32 में से 17 राज्यों की झाकियों का हुआ चयन
गणतंत्र दिवस परेड में झांकी शामिल करवाने के लिए 32 राज्य व केन्द्र शासित प्रदेशों ने प्रपोजल रखा था। उनमें से केवल 17 राज्यों की झांकी का ही चयन किया गया है।
उत्तराखंड ने प्रदर्शित की शानदार झांकियां
उत्तराखंड की ओर से वर्ष 2003 में ‘फुलदेई’, वर्ष 2005 में ‘नंदा राजजात’, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी’, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क’, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन’, वर्ष 2010 में ‘कुम्भ मेला हरिद्वार’, वर्ष 2014 में ‘जड़ी बूटी’, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ’, वर्ष 2016 में ‘रम्माण’, वर्ष 2018 में ‘ग्रामीण पर्यटन’ और वर्ष 2019 में ‘अनाशक्ति आश्रम (कौसानी प्रवास व अनाशक्ति)’ विषयों पर आधारित झांकियां राजपथ पर प्रदर्शित की जा चुकी हैं।