Mon. Nov 25th, 2024

हादसों के लिहाज से 1115 स्थान पर खतरनाक हैं उत्तराखंड की सड़कें

देहरादून: उत्तराखंड की सर्पीली सड़कों पर 1115 स्थल हादसों के लिहाज से बेहद खतरनाक हैं। राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के निर्देश पर कराए गए सर्वे में यह खुलासा हुआ है। इन स्थलों में 129 ब्लैक स्पॉट और 986 दुर्घटना संभावित स्थल हैं।

यानी इन स्थानों से वाहनों के गुजरते वक्त हादसों का खतरा बना रहता है। उस पर तुर्रा यह कि अभी तक केवल 34 ब्लैक स्पॉट पर ही सुधारीकरण का कार्य चल रहा है, जबकि दुर्घटना संभावित स्थलों में से महज 103 में ही सुधारात्मक कार्य हो पाए हैं।

प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों ने सरकार की पेशानी पर बल पड़े हैं। हालांकि, हादसों की रोकथाम को प्रयास किए गए हैं। दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। हादसों के पीछे सर्पीली सड़कों पर जगह-जगह अंधे मोड़ों के साथ ही भूस्खलन, भू-धंसाव से जर्जर सड़कें भी एक वजह है।
इसे देखते हुए राज्य सड़क सुरक्षा परिषद ने दुर्घटना संभावित स्थलों चिह्नित करने के निर्देश दिए। सर्वे में बात सामने आई कि प्रदेशभर में सड़कों पर 129 ब्लैक स्पॉट मौजूद हैं। इनमें सबसे अधिक 65 राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन सड़कों पर हैं, जबकि उसके बाद लोनिवि-राजमार्ग खंड की सड़कों पर।

यही नहीं, ब्लैक स्पॉट से इतर 986 अन्य दुर्घटना संभावित स्थल भी चिह्नित किए गए हैं। जिला सड़क सुरक्षा समितियों के माध्यम से इनका चिह्नीकरण हुआ। इनमें सबसे अधिक 615 लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर हैं, जबकि दूसरे नंबर पर राजमार्ग खंड है। परिषद ने सभी ब्लैक स्पॉट व दुर्घटना संभावित स्थलों के सुधारीकरण के निर्देश दिए हैं।

सुधारीकरण को उठाए जा रहे हैं कदम

उत्तराखंड के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य के अनुसार सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। ब्लैक स्पॉट व दुर्घटना संभावित स्थलों के सुधारीकरण को तात्कालिक एवं दीर्घकालीन कदम उठाने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि अवशेष ब्लैक स्पॉट के मद्देनजर डीपीआर स्वीकृति, रोड सेफ्टी ऑडिट, डीपीआर की कार्यवाही तुरंत पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं। 531 दुर्घटना संभावित स्थलों के सुधार के आगणन मिले हैं। इन पर कार्यवाही चल रही है।

एक हफ्ते में सुधारें दून की सड़कें

राजधानी के साथ ही प्रदेशभर की क्षतिग्रस्त और गड्ढे वाली सड़कों पर मुख्यमंत्री भी सख्त हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने लोनिवि के प्रमुख अभियंता को निर्देश दिए हैं कि दून की सड़कें एक सप्ताह में सुरक्षित करें। जबकि प्रदेश की सड़कों के सुधार को उन्हें एक माह का समय दिया है। साथ ही सीएम ने कहा कि इस काम में देरी और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रमुख अभियंता लोनिवि आरसी पुरोहित और मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग हरिओम शर्मा को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर दून की सड़कें गड्ढामुक्त करें। इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने दून-हरिद्वार, दून-रुड़की राजमार्ग की क्षतिग्रस्त सड़कों को भी युद्धस्तर पर ठीक करने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों के सुधार कार्य, गुणवत्ता और समय सीमा पर स्वयं निगरानी रखने की बात कही। मुख्यमंत्री ने सड़कों के सुधार कार्य की रिपोर्ट हर दिन शासन में संबंधित सचिव को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा जिन सड़कों का सुधार कार्य हो गया है, उनका स्थलीय निरीक्षण की रिपोर्ट भी मांगी है।

जनता की परेशानी पर जताया खेद
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बारिश से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इससे जनता को हो रही परेशानी पर वह खेद व्यक्त कर रहे हैं। क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के निर्देश दिए जा चुके हैं। आगामी एक माह में प्रदेश की सभी सड़कें दुरुस्त कर दी जाएंगी।

माय सिटी माय प्राइड के मंच पर उठी थी समस्या

सड़कों के गड्ढे भरने का काम पड़ा धीमा

विधानसभा सत्र के दौरान जिस तेजी से हरिद्वार रोड, ङ्क्षरग रोड, नेहरू कॉलोनी, राजपुर रोड पर पैचवर्क और मरम्मत का कार्य हुआ, वह बीते तीन दिनों से ठप पड़ा है। दो दिन बारिश के चलते काम प्रभावित रहा। मगर, मंगलवार को भी गड्ढों को भरने का कार्य नहीं हुआ। इससे शहर के लोग गड्ढों वाली सड़कों पर जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं।

खासकर कारगी चौक से रिस्पना पुल के बीच, आइएसबीटी से लालपुल, सहस्रधारा, रायपुर रोड, कांवली रोड, हरिद्वार रोड पर जोगीवाला चौक आदि क्षेत्रों में गहरे गड्ढे दुर्घटना को खुला न्योता दे रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *