कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पडरौना के ‘राजा साहब आरपीएन सिंह’ बारे में जानिए अहम बातें
-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह आज कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद आरपीएन सिंह ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि आज, जब पूरा राष्ट्र गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तर प्रदेश की राजनीति में पूर्वांचल सभी दलों के लिए बहुत महत्व रखता है। यहां राजघरानों से लेकर बाहुबलियों का राजनीति में काफी दबदबा है। राजनीतिक दल इन प्रभावशाली लोगों को अपने पाले में लाने के लिए मशक्कत करते रहते हैं। ऐसा ही एक नाम है कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (आरपीएन सिंह) का। सिंह पूर्वांचल में कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे हैं। हाथ का साथ छोड़ अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि सिंह के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस/समाजवादी पार्टी दोनों पर प्रभाव पड़ेगा। पडरौना विधानसभा सीट से वह विधायक रहे हैं। हाल ही में भाजपा से बागी हुए स्वामी प्रसाद मौर्य भी इसी सीट से चुनावी मैदान में उतरने का विचार बना रहे थे। कहा जा रहा है कि स्वामी अब सपा से अन्य सीट पर चुनाव लड़ाने की मांग कर रहे हैं।
पूर्वांचल में आरपीएन सिंह का सियासी प्रभाव व जीवन
आरपीएन सिंह कुशीनगर के सैंथवार के शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कांग्रेस से उनका पुराना नाता रहा है। पिता सीपीएन सिंह की तरह आरपीएन सिंह भी पडरौना के विधायक रहे हैं। 1996 से 2009 तक विधानसभा में गरजने के बाद आरपीएन सिंह 15वीं लोकसभा सदस्य बने। हालांकि, अगले आम चुनाव में भाजपा के राजेश पांडेय ने उनको शिकस्त दी थी।
आरपीएन सिंह का जन्म 25 अप्रैल 1964 को दिल्ली में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम सोनिया सिंह है। आरपीएन-सोनिया की तीन बेटियां हैं। सिंह के पिता कुशीनगर से सांसद थे। वह इंदिरा गांधी की सरकार में रक्षा राज्यमंत्री भी रहे। आरपीएन सिंह युवा कांग्रेस उत्तर-प्रदेश के अध्यक्ष व ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव रह चुके हैं। सिंह को पडरौना का राजा साहेब कहा जाता है।
मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं
आरपीएन सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता के साथ ही सभी पदों से इस्तीफा दिया। उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम और उससे जुड़े पदों को भी हटा दिया है। चर्चा है कि आरपीएन भाजपा की तरफ से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनावी मैदान में होंगे। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद आरपीएन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि आज, जब पूरा राष्ट्र गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं।