Fri. Nov 22nd, 2024

सहारा प्रमुख के निधन पर सेबी चीफ की प्रतिक्रिया, बोलीं- चलता रहेगा मामला

उद्योग मंडल फिक्की के कार्यक्रम से इतर सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच ने संवाददाताओं से कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है, यह जारी रहेगा, भले ही कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं। समूह के विवादास्पद संस्थापक रॉय का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को निधन हो गया था।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच ने कहा कि सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत राय के निधन के बाद भी सहारा का मामला पूंजी बाजार नियामक के समक्ष जारी रहेगा। उद्योग मंडल फिक्की के कार्यक्रम से इतर बुच ने संवाददाताओं से कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है, यह जारी रहेगा, भले ही कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं।

सेबी की चेयरपर्सन से जब सहारा समूह के अवितरित धन को निवेशकों को लौटाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय के तहत एक समिति है, हम सभी कार्रवाई उसी समिति के तहत करते हैं। विज्ञापनों के कई दौरान के बाद जिसके पास (सहारा में) निवेश के सबूत थे, उन्हें अपना पैसा मिल गया।

सेबी के पास पड़ी है 25 हजार करोड़ की धनराशि

सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के निधन के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी के खाते में पड़ी 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की गैरवितरित धनराशि फिर से चर्चा में है। रॉय समूह की कंपनियों के संबंध में कई विनियामक तथा कानूनी लड़ाइयों का सामना कर रहे थे। उन पर पोंजी योजनाओं में नियमों को दरकिनार करने का भी आरोप था। हालांकि, सहारा समूह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को हमेशा खारिज किया। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2011 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईएल) व सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड (ओएफसीडी) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 15 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि लौटाने को कहा

नियामक ने आदेश में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों व विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा व दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था। इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया। हालांकि, समूह लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है।

सेबी ने 11 साल में दो कंपनियों के निवेशकों को 138.07 करोड़ रुपये लौटाए

पूंजी बाजार नियामक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों को 11 वर्षों में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए। इस बीच पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। सहारा की दो कंपनियों के अधिकतर बांडधारकों ने इसको लेकर कोई दावा नहीं किया व कुल राशि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में करीब सात लाख रुपये बढ़ गई, जबकि, सेबी-सहारा पुनर्भुगतान खातों में इस दौरान शेष राशि 1,087 करोड़ रुपये बढ़ गई।

राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये

वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से “48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि लौटाई गई, जिसमें 67.98 करोड़ रुपये की ब्याज राशि भी शामिल है।’’ शेष आवेदन सहारा समूह की दोनों कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए उनका कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए।” सेबी ने आखिरी अद्यतन जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल राशि 138 करोड़ रुपये बताई थी। सेबी ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *