गैंगस्टर पीपी पांडे को संत बनाने की होगी जांच, संतों की टीम जायेगी अल्मोड़ा
पीपी पांडेय को अल्मोड़ा जेल में गुरु दीक्षा देते हुए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का महंत बनाने की बात सामने आई है। साथ ही उसे कई मंदिरों का मुख्य महंत भी बनाने का दावा किया गया है।
गैंगस्टर पीपी पांडे।
हरिद्वार : अल्मोड़ा जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी पांडे को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का संत बनाने की जांच होगी। जांच पड़ताल के लिए संतों की एक टीम अल्मोड़ा जाएगी। यह निर्णय उत्तर प्रदेश के नगीना में हुई संतों की जांच समिति के सदस्यों की बैठक में लिया गया।
जूना अखाड़ा रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में फैसला लेगा। अल्मोड़ा के रानीखेत स्थित खनौइया गांव निवासी प्रकाश पांडे उर्फ पीपी कभी छोटा राजन का दाहिना हाथ हुआ करता था। इन दिनों वह अल्मोड़ा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। पिछले साल अगस्त में पौड़ी जेल से पीपी को हरिद्वार जिला जेल शिफ्ट किया गया था। इसके बाद कुछ महीने पहले उसे अल्मोड़ा जेल स्थानांतरित कर दिया गया था।
हाल ही में पीपी को अल्मोड़ा जेल में जूना अखाड़े के संतों की ओर से संन्यास दीक्षा देने का मामला सामने आया था। उसे कुछ मठों का उत्तराधिकारी बनाने की बात भी सामने आई थी। लेकिन, अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने पीपी को संत बनाने की दीक्षा देने के मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया था। जांच समिति की शनिवार शाम को यूपी के बिजनौर जिले के नगीना में हुई बैठक में पीपी पांडे को संत बनाने पर चर्चा की गई।
इस दौरान श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने बताया कि समिति की ओर से नगीना में बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि एक टीम पहले अल्मोड़ा जाकर पूरे प्रकरण की जांच करेगी। देखा जाएगा कि पीपी को क्यों और किस आधार पर किसने संत बनने की दीक्षा दी है। पीपी के इतिहास को भी कमेटी खंगालेगी। बताया कि मामले की ठीक से जांच पड़ताल करने के बाद ही जो रिपोर्ट समिति देगी, उसी पर आगे निर्णय लिया जाएगा।
जांच समिति में शामिल संत
पीपी पांडे मामले की जांच के लिए बनाई गई समिति में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत केदारपुरी, जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरी, जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, अल्मोड़ा जूना अखाड़े के श्रीमहंत शंकर गिरी, श्रीमहंत पुष्कर राजगिरी और श्रीमहंत निरंजन गिरी महाराज को शामिल किया गया है। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के अनुसार किसी भी प्रकार की संलिप्तता, लेनदेन, संत बनाने के पीछे के मूल उद्देश्य व भावना की समिति गहन जांच करेगी। समिति तीन महीने में रिपोर्ट देगी।