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मुख्यमंत्री ने किया सैन्य धाम का शिलान्यास, जताई इच्छा… सरकार यहां करे शपथ ग्रहण

देहरादून के पुरकुल गांव में बनेगा सैन्य धाम। शिलान्यास पर मुख्यमंत्री ने की कई घोषणाएं

देेेहरादून (Dehradun)। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को पुरकुल गांव में राज्य स्तरीय सैन्य धाम का शिलान्यास किया। सैन्य धाम भारतीय सेना के जज्बे, शौर्य व बलिदान का प्रतीक होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में उत्तराखण्ड में सरकार का शपथ ग्रहण इस शहीद स्थल (सैन्यधाम) में हो, मेरी यह इच्छा है। साथ ही कहा कि प्रदेश की भारत के अन्य राज्यों व विदेशों से पर्यटक देहरादून आते हैं, तो वह सैन्यधाम में जरूर आयें।
शिलान्यास के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं भी की। उन्होंने कहा कि विभिन्न युद्धों व सीमान्त झड़ पों व आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों की विधवाओं/आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रुपये के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया जायेगा। इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक हरबंस कपूर, सुरेन्द्र सिंह नेगी, पूर्व मंत्री ले. जनरल (रिटा.) टीपीएस रावत, मुख्यमंत्री के सैन्य सलाहकार ले. जनरल (रिटा.) जेएस नेगी, एमडी उपनल ब्रिगेडियर (रिटा.) पीपीएस पाहवा, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर (रिटा.) केबी चन्द, जिलाधिकारी देहरादून डॉ आशीष श्रीवास्तव व अन्य सैन्य अधिकारी मौजूद थे।

पंचम धाम के रूप में हुआ सैन्य धाम का शिलान्यास

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पंचम धाम के रूप में सैन्यधाम का शिलान्यास किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब सैन्यधाम को पंचम धाम की संज्ञा दी थी, उसके बाद इस दिशा में तेजी से प्रयास किये गये। हमारा प्रयास है कि यह सैन्यधाम जीवंत व जागृत हो। यहां कोई भी आये तो उसको इसकी वास्तविकता की पूर्ण अनुभूति हो। जो लोग यहां आयेंगे इस सैन्यधाम की मिट्टी पर पैर रखें तो उन्हें इससे प्रेरणा मिलनी चाहिए।

शहीदों के गांव की मिट्टी व शिला आए सैन्य धाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के शहीदों के गांवों की मिट्टी और शिला सैन्यधाम में आनी चाहिए। राज्य की प्रमुख नदियों व प्रमुख धार्मिक स्थलों की मिट्टी सैन्यधाम में आये। गढ़वाल राइफल, कुमायूं रेजीमेंट व गोरखा रेजीमेंट में दुश्मनों के दांत खट्टे करने की ताकत व पहचान हैं। हमारे सैनिकों की प्रेरणा देशवासियों को प्रेरित करती रहे, यह परिकल्पना सैन्यधाम के पीछे है।

सैन्य धाम में बनेगा संग्रहालय

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि व वीरभूमि है। जब भी देश को जरूरत पड़ी, हमारे जवानों ने देश सेवा के लिए सबकुछ अर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि शहीद सैनिकों के घरों में यदि उनकी कोई निशानी हो तो उनके संरक्षण के लिए सैन्यधाम में संग्रहालय बनाया जायेगा। लोगों को प्रेरित करने वाली अनेक स्मृतियां यहां पर होनी चाहिए। जो लोग सेना में जाना चाहते हैं, उनके लिए यहां पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। यहां पर एडवेंचर व संबंधित गतिविधियां कर सकते हैं। देहरादून में इस भव्य सैन्यधाम को बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किये जायेंगे। विशेषज्ञ समिति सुझावों को देखेगी, जो सुझाव सही लगेंगे, उन पर अमल किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण को सुझाव भेजे जा सकते हैं।

सैनिकों की समस्याओं के समाधान को नियुक्ति किए नोडल अधिकारी

विधायक गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सैनिकों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। सैनिकों व पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए अपर मुख्य सचिव व जिला स्तर अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी तैनात किया है। सैनिकों व पूर्व सैनिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों व अर्ध सैनिकों के एक परिजन को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी में समायोजित करने की व्यवस्था की है। सचिवालय में प्रवेश के लिए सैनिकों और पूर्व सैनिकों को अलग से प्रवेश पत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने आईकार्ड से ही सचिवालय में प्रवेश कर सकते हैं। वीरता पदक प्राप्तकर्ता सैनिकों व उनकी विधवाआें को दी जाने वाली वार्षिक राशि 30 वर्ष के स्थान पर अब आजीवन दिये जाने की व्यवस्था की गई है। पूर्व सैनिकों को राज्य सरकार की सेवाओं में समूह ‘ग’ की रिक्तियों में 5 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य किया गया हैं।

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